स्थानीय खबरें व ज्वलंत मुद्दों को प्रकाशित करता है बराभूम दर्पण : विधायक प्रतिनिधि

स्थानीय खबरें व ज्वलंत मुद्दों को प्रकाशित करता है बराभूम दर्पण : विधायक प्रतिनिधि

पटमदा में बराभूम दर्पण की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर दर्जनों शिक्षक हुए सम्मानित

Patamda : देश का प्रथम राढ़ बांग्ला न्यूज पोर्टल बराभूम दर्पण की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर रविवार को पटमदा के लावा पंचायत मंडप में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर पटमदा एवं बोड़ाम क्षेत्र के दर्जनों वैसे शिक्षक शामिल हुए, जिन्होंने कोरोना काल के दौरान अपनी जान की परवाह किए बगैर गांवों में बच्चों को शिक्षित करने का काम किया और क्षेत्र के विभिन्न गांवों में ट्यूशन पढ़ाकर अपनी आजीविका चलाते हैं व बच्चों को काबिल बनाते हैं।

समारोह में बतौर मुख्य अतिथि विधायक प्रतिनिधि चंद्रशेखर टुडू ने कहा कि बराभूम दर्पण स्थानीय खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करने के साथ ही यहां की भाषा-संस्कृति को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसमें अब तक कुछ वैसी घटनाओं या इतिहास के बारे में चीजें प्रकाशित की गई हैं, जिससे वर्तमान पीढ़ी अंजान थी। क्षेत्र की समस्याओं एवं ज्वलंत मुद्दों को प्रकाशित करने से यह फायदा हुआ कि स्थानीय विधायक मंगल कालिंदी द्वारा इसकी खबरों के आधार पर मुद्दों को प्रमुखता से विधानसभा में उठाने का काम करते हैं और उन मुद्दों पर राज्य सरकार की ओर से सकारात्मक कार्रवाई भी हो रही है। उन्होंने बराभूम दर्पण परिवार को सफलतापूर्वक दूसरा साल पूरा करने पर बधाई देते हुए भविष्य में सहयोग करने का आश्वासन दिया।

बतौर विशिष्ट अतिथि जमशेदपुर की समाजसेविका पूरबी घोष ने कहा कि बांग्ला हमारी मातृभाषा और इससे ही पहचान है। कहा कि शहर में कई कार्यक्रम रहने के बावजूद बांग्ला का आकर्षण ही उन्हें यहां खींच लाई है। उन्होंने कहा कि बराभूम दर्पण की ओर से बांग्ला भाषा को बचाए रखने के लिए जो प्रयास किया जा रहा है सराहनीय है और इसके लिए प्रकाशक कल्याण कुमार गोराई बधाई के पात्र हैं। उन्होंने मंच से जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले दिनों विधानसभा में बांग्ला भाषा में वक्तव्य रखकर हमें गौरवान्वित किया है इसके लिए उनका वे अभिनंदन करना चाहती हैं।

पटमदा इंटर कॉलेज जाल्ला के प्राचार्य अरुण कुमार ने कहा कि झारखंड के बांग्ला स्कूलों को भी हिन्दी कर दिया गया है। बांग्ला भाषा की किताबें नहीं दी जा रही है कम से कम वर्ण परिचय की किताबें मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बराभूम दर्पण न सिर्फ स्थानीय खबरों या घटनाओं से रूबरू कराता है बल्कि कुछ ही मिनटों के अंदर सूचनाएं प्राप्त होती है। उन्होंने पूरी टीम को वर्षगांठ की बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

निश्चय एनजीओ के संस्थापक सह पैडमैन के नाम से मशहूर तरुण कुमार ने कहा कि स्थानीय तौर पर मीडिया की आवश्यकता को पूरा करता है बराभूम दर्पण। वर्तमान में सोशल मीडिया या वॉट्सऐप के माध्यम से जो खबरें आती है उनमें कुछ न कुछ भ्रांति होती है लेकिन बराभूम दर्पण इस क्षेत्र की स्थानीय खबरों के लिए एक विश्वसनीय माध्यम बन चुका है।


पटमदा इंटर कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. पंचानन दास ने कहा कि राज्य के अंदर वर्तमान में बांग्ला भाषा की दुर्दशा किसी से भी छिपी नहीं है इन सबके बीच बराभूम दर्पण की ओर से भाषा को बचाए रखने का जो बीड़ा उठाया गया है वाकई प्रशंसनीय है। उन्होंने पूरी टीम को बधाई देते हुए भविष्य में और भी अधिक प्रसार करने की सलाह दी।

चौरा हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक डॉ. समीर कुमार ने कहा कि राज्य सरकार ने निर्णय लिया गया है कि 1 हजार प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा 1 व 2 को अंग्रजी नहीं, बल्कि मातृभाषा में पढ़ाई जाएगी जिसमें बांग्ला भाषा भी शामिल है। उन्होंने कहा कि वे नियमित रूप से बराभूम दर्पण पढ़ते हैं और इससे उन्हें क्षेत्र की गतिविधि एवं महत्वपूर्ण खबरें मिल जाती हैं।

ग्राम प्रधान संघ पटमदा के सचिव मृत्युंजय महतो ने कहा कि बांग्ला भाषा को कई कारणों से समाप्त किया जा रहा है। हमें खुशी है कि बराभूम दर्पण की ओर से बांग्ला भाषा के संरक्षण हेतु सफल प्रयास किया जा रहा है। बांग्ला भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति समेत अन्य मांगों को विधानसभा में बांग्ला भाषा में उठाने पर विधायक मंगल कालिंदी का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम का संचालन तापस हालदार व उज्ज्वल कांति दास ने संयुक्त रूप से किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन बराभूम दर्पण के प्रकाशक कल्याण कुमार गोराई ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से जिला परिषद सदस्य प्रदीप बेसरा, लावा पंचायत के मुखिया कानूराम बेसरा, दिघी पंचायत के उप मुखिया राजशेखर महतो, बुद्धिजीवी मंच के कोषाध्यक्ष विजय कुमार मंडल, ग्राम प्रधान संघ के अध्यक्ष बृंदावन दास, मिहिर कुमार महतो, देवेंद्र कुंभकार, मिहिर कुमार प्रमाणिक, गुणाधीश देव, प्रदीप कुमार पैड़ा, मलय कुमार महतो व मंटू चरण दत्त की सक्रिय भूमिका रही।

इन्हें किया गया सम्मानित :
तपन गोराई, हरिहर षड़ंगी, दीपक कुमार षड़ंगी, आशीष कुमार तिवारी, वीरेन्द्र कुंभकार, रघुनाथ कुंभकार, साहेब सोरेन, प्रबोध कुमार महतो, विकास सहिस, धनंजय कर्मकार, कुमार विवेक, मुक्ति सिंह, राजू कुंभकार, संगीता महतो, रिंकू महतो, प्रीति सिंह, शांतिवाला सिंह, जोबा सिंह, जगदीश सिंह, बुद्धेश्वर मुर्मू, सागुण बेसरा, तरुण गोराई, चंद्रशेखर गोराई, उज्ज्वल कांति दास, मिहिर कुमार प्रमाणिक, तापस हालदार, सरोज कुमार मंडल, पंचानन महतो, विजय कुमार व मीना कुमारी।

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