अपग्रेडेशन के 12 साल बाद भी गोबरघुसी उच्च विद्यालय को नया भवन नहीं, पुराने की स्थिति जर्जर

अपग्रेडेशन के 12 साल बाद भी गोबरघुसी उच्च विद्यालय को नया भवन नहीं, पुराने की स्थिति जर्जर

कभी जमींदारी के लिए जाना जाता था गोबरघुसी गांव

Patamda: कभी जमींदारी के लिए प्रसिद्ध रहे गोबरघुसी गांव आज शिक्षा की बदहाल स्थिति के लिए जाना जाता है। सरकारी उपेक्षा का दंश झेल रहा पटमदा प्रखंड का गोबरघुसी उत्क्रमित उच्च विद्यालय को 2012 में मध्य विद्यालय से अपग्रेड किया गया था। लेकिन शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण विद्यालय को 12 वर्षों के बाद भी एक भवन नहीं मिला।

वर्तमान में जिन भवनों में कक्षा संचालित होती हैं वह भी जर्जर स्थिति में हैं और कभी- भी दुघर्टना घट सकती है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक उपेंद्र बेसरा ने बताया कि विद्यालय में जहां 250 छात्र-छात्राओं के बैठने की व्यवस्था है वहीं वर्तमान में 560 विद्यार्थी पठन-पाठन कर रहे हैं। सत्र 2024-25 में कक्षा एक से आठवीं तक 240 तथा नवम व दशम में 320 विद्यार्थी नामांकित हैं। हाई स्कूल के छात्रों के लिए बेंच-डेस्क के साथ-साथ शौचालय भी अपर्याप्त है। वर्तमान में तीन ही शौचालय संचालित हैं जो छात्र-छात्राओं के अनुपात में पर्याप्त नहीं है। विज्ञान प्रायोगिक कक्ष एवं पुस्तकालय संचालन के लिए भी कमरों की कमी है। छात्रों की उपस्थिति बढ़ने पर एक-एक बेंच पर पांच-पांच विद्यार्थियों को बैठाया जाता है। जिससे छात्रों को पठन-पाठन में बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

विद्यालय में चहारदीवारी नहीं रहने के कारण सांप, बिच्छू, जंगली जानवरों एवं बाहरी असमाजिक तत्वों का भय हमेशा बना रहता है। विद्यालय की ओर से हर साल भवन निर्माण हेतु मांग पत्र विभाग को दिया जाता है लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने बताया कि विद्यालय प्रबंधन समिति एवं ग्रामीणों द्वारा आमसभा कर स्थानीय सांसद व विधायक को गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की गई है। बुधवार को इस विषय पर जिले के उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया है।

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