लावा में पारंपरिक ग्राम प्रधान की बात करना गलत व असंवैधानिक: बृंदावन दास
बृंदावन दास (फाइल फोटो)।
Patamda: मंगलवार को पटमदा के लावा गांव में दलमा क्षेत्र ग्राम सभा सुरक्षा मंच की ओर से आयोजित पेसा दिवस कार्यक्रम में शत्रुघ्न सिंह सरदार को पारंपरिक ग्राम प्रधान बताए जाने पर लावा के ग्राम प्रधान बृंदावन दास ने कड़ी आपत्ति जताई है।
उन्होंने कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिला पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आता है और पटमदा व बोड़ाम प्रखंड में पारंपरिक ग्राम प्रधान कभी भी कोई व्यक्ति नहीं रहा। बल्कि यहां माझी, पारानिक, गोडेत, नायके, भद्द, घाटवाल व ताबेदार की परंपरा रही है। दास का कहना है कि 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की सरकार में मुख्य सचिव के पत्रांक 269, दिनांक 21.02.2005 के आधार पर उन्हें लावा गांव में आयोजित ग्राम सभा के माध्यम से दिनांक 25.07. 2006 को ग्रामीणों द्वारा अध्यक्ष चुना गया था। जिसके बाद उन्होंने 27.07.2006 को पद्भार ग्रहण किया और उस समय से लगातार ग्राम प्रधान के रूप में ग्राम सभा की अध्यक्षता करते आ रहे हैं।
पेसा दिवस के मौके पर उन्हें आमंत्रित किए बिना एक अन्य व्यक्ति को फर्जी तरीके से पारंपरिक ग्राम प्रधान बताना सरासर गलत और असंवैधानिक है जिसका वे विरोध करते हैं और इस अन्याय के खिलाफ बहुत जल्द जिले के उपायुक्त से लेकर राज्यपाल तक को वे शिकायत करेंगे। उन्होंने बताया कि दलमा क्षेत्र ग्राम सभा सुरक्षा मंच की ओर से उन्हें कार्यक्रम के बारे में किसी प्रकार का कोई पत्र नहीं मिला, जो उन्हें अपमानित करने जैसा है।