मनरेगा में अब 73 नहीं 53 सीएफटी मिट्टी खोदने पर ही मिलेगी मजदूरी, पलायन रोकने को झारखंड सरकार ने उठाया कदम, केंद्र ने दी सहमति
Ranchi : झारखंड में मनरेगा मजदूरी की दर में बढ़ोतरी होगी। अब नए मानकों पर मनरेगा के तहत काम किया जाएगा और इसी आधार पर मजदूरी मिलेगी। नए मानक के तहत कम काम पर ज्यादा मजदूरी मिलेगी। इसकी पुष्टि ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने की है। पिछले दिनों मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने झारखंड में मनरेगा मजदूरी की दर बढ़ाने को लेकर केंद्र सरकार के साथ पत्राचार किया था और केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक में भी यह मांग उठाई थी। नए मानक के तहत अब मनरेगा मजदूरों को 73 सीएफटी के बजाय 53 सीएफटी पर मजदूरी का भुगतान किया जाएगा। राष्ट्रीय स्तर पर 48 सीएफटी मिट्टी खुदाई पर मनरेगा मजदूरी मिलती है। केंद्र सरकार ने मनरेगा मजदूरी के नये दर को सहमति प्रदान कर दी है। मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि अब राज्य के मजदूरों को सम्मानजनक का भुगतान हो पाएगा।
कम मजदूरी पलायन की सबसे बड़ी वजह
झारखंड में मनरेगा के तहत काफी कम मजदूरी होने से श्रमिक पलायन कर जाते हैं। वर्तमान में भारत सरकार 245 रुपये प्रतिदिन मानव दिवस सृजन के रूप में मजदूरी दर का भुगतान करती है और झारखंड इसमें अतिरिक्त 27 रुपये प्रदान कर रहा है। ऐसे में सिर्फ 272 रुपये उन्हें मजदूरी मिल रही है। ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे ने केंद्र सरकार से कम से कम 350 रुपये मजदूरी दर निर्धारित करने की मांग की हुई है।