सामूहिक उपनयन संस्कार कार्यक्रम का आयोजन सराहनीय कदम : राजकुमार सिंह
पटमदा के लावा में 19 बटुकों का हुआ सामूहिक उपनयन संस्कार
Patamda: सामूहिक उपनयन संस्कार कार्यक्रम एक सराहनीय कदम है। इसमें खासकर वैसे लोग लाभान्वित हो रहे हैं जो समय पर इस संस्कार के आयोजन हेतु आर्थिक तंगी के कारण सक्षम नहीं हो पाते हैं। झारखंड बैष्णव बैरागी समिति ने समाज के उत्थान के लिए जो बीड़ा उठाया है यह सचमुच प्रशंसनीय है। इसके लिए झारखंड बैष्णव बैरागी समिति पटमदा एवं बोड़ाम प्रखंड कमेटी को साधुवाद देते हैं। यह बातें रविवार को पटमदा के लावा गांव में आयोजित सामूहिक उपनयन संस्कार कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व जिप उपाध्यक्ष सह समाजसेवी राजकुमार सिंह ने कहीं। उन्होंने कहा कि पटमदा, बोड़ाम, नीमडीह, चांडिल, जमशेदपुर, सरायकेला के अलावा पश्चिम बंगाल के विभिन्न जगहों से आए लोगों ने कार्यक्रम में शामिल होकर यह साबित कर दिया कि यह कार्यक्रम समाज के लिए कितना उपयोगी है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद जिला पार्षद खगेन चंद्र महतो ने कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल होकर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं क्योंकि यह एक निस्वार्थ और पवित्र मन से किया गया आयोजन है।
जिला पार्षद प्रदीप बेसरा ने कहा कि झारखंड बैष्णव बैरागी समिति का समाज को एकजुट करने व जरूरतमंदों के सेवा हेतु किया गया आयोजन अन्य समाज के लिए भी अनुकरणीय है। उन्होंने आयोजनकर्ता को धन्यवाद दिया।
समाजसेवी सह पूर्व पार्षद पिंटू दत्ता ने कहा कि बैष्णव समाज द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है यह कार्यक्रम समाज के लिए बेहतर कदम है और आने वाले समय में इसका महत्व और अधिक होगा। उन्होंने कहा कि बैष्णव समाज के लोगों से हर समाज के लोग जुड़े हैं और इनके साथ हमारा गहरा संबंध है।
समिति के प्रमुख बृंदावन दास ने कहा कि यहां आने वाले सभी लोगों का भरपूर सहयोग मिला जिससे समिति का मनोबल बढ़ा है एवं आने वाले समय में और भी भव्य तरीके से आयोजन करने पर बल दिया जाएगा। मौके पर 19 बटुकों को जनेऊ धारण कराया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से बृंदावन दास, गोलक बिहारी दास, उज्ज्वल कांति दास, अश्विनी दास, विश्वामित्र दास, अर्जुन दास, अमर दास, गोपी दास, विजय कृष्ण मल्लिक, बीरेंद्र प्रताप सिंह, मिलन दास, बलराम मल्लिक, मृत्युंजय महतो, सुभाष कर्मकार आदि मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान सैकड़ों की संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। सुबह से शाम तक हरिनाम संकीर्तन एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन हुआ।