18 हजार में बिका लोवाडीह के अशोक महतो का 2 एकड़ का आम बगीचा
Patamda: उपायुक्त अनन्य मित्तल के निर्देशन एवं उप विकास आयुक्त अनिकेत सचान के सार्थक प्रयास से बिरसा हरित ग्राम योजना के अंतर्गत आम उत्पादक किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। ऑल सीजंस फार्म फ्रेश द्वारा पटमदा की दिघी पंचायत अंतर्गत लोवाडीह निवासी अशोक महतो के 2 एकड़ में फैले आम के बगीचे की फसल की खरीद की गई, जिसके लिए कुल 18,400 की राशि लाभुक किसान के खाते में उप विकास आयुक्त एवं अपर उपायुक्त की उपस्थिति में ऑनलाइन ट्रांसफर की गई। उक्त बागान में उत्पादित आम को एक्सपोर्ट की संभावना के तहत सैंपल टेस्टिंग के लिए कोलकाता भी भेजा गया है। गुणवत्ता जांच के उपरांत, यदि मानकों पर खरा पाया गया, तो इस आम को अन्य देशों में निर्यात किया जाएगा।
मनरेगा के तहत चल रही बिरसा हरित ग्राम योजना के माध्यम से यह सफलता न केवल आत्मनिर्भर कृषि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। जिला प्रशासन द्वारा इस प्रयास को मॉडल के रूप में अपनाकर अन्य क्षेत्रों में भी विस्तार की योजना बनाई जा रही है।
पटमदा में प्रखंड स्तरीय सम्मेलन का आयोजन, आम बागवानी को बाजार से जोड़ने की पहल
Patamda: मनरेगा योजना के तहत पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा प्रखंड में संचालित बिरसा हरित ग्राम योजना के अंतर्गत विकसित आम बागवानी को बाजार से जोड़ने के उद्देश्य से एक प्रखंड स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में आम उत्पादकों, सरकारी अधिकारियों, विपणन सचिव तथा एनजीओ प्रतिनिधियों की भागीदारी रही।सम्मेलन में उपस्थित अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद, पटमदा के प्रखंड विकास पदाधिकारी शशि नीलिमा डुंगडुंग, अंचल अधिकारी डॉ. राजेंद्र कुमार दास तथा विभिन्न एनजीओ प्रतिनिधियों ने आम विपणन को लेकर विचार-विमर्श किया। इसमें स्थानीय स्तर पर संग्रहण, ग्रेडिंग, ब्रांडिंग, मूल्य संवर्धन और निर्यात की संभावनाओं पर विशेष चर्चा हुई। ऑल सीजन फार्म फ्रेश के प्रतिनिधियों ने जानकारी दी कि पटमदा में उत्पादित आम का सैंपल कोलकाता स्थित लैब भेजा जा रहा है, जिसकी गुणवत्ता रिपोर्ट के आधार पर इसे विदेशों में निर्यात करने की दिशा में कार्य किया जाएगा। वहीं, श्री सारन्या और इंटेट टू सॉल्यूशन जैसे निजी साझेदारों ने कुमीर गांव के एक उत्पादक के 5 एकड़ क्षेत्रफल में उत्पादित आम की संपूर्ण फसल को खरीदने और किसानों को उचित मूल्य देने का आश्वासन दिया। इस पहल को आम बागवानी को स्थायी आजीविका विकल्प के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जिला प्रशासन का प्रयास है कि कृषि आधारित योजनाओं को बाजार से जोड़कर किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लक्ष्य की ओर ठोस प्रगति की जाए।