पटमदा बस्ती उमवि के 100 वर्ष पूरे होने पर मनाई गई हीरक जयंती, विधायक प्रतिनिधि ने कहा: अगर अभिभावक जागरूक हों तो निजी स्कूलों से भी आगे निकल सकते हैं सरकारी स्कूलों के बच्चे
पटमदा बस्ती उमवि में समारोह को संबोधित करते चंद्रशेखर टुडू।
Patamda: सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावक अगर जागरूक हों तो निजी स्कूलों से भी आगे निकल सकते हैं सरकारी स्कूलों के बच्चे। यह बातें शुक्रवार को पटमदा बस्ती उत्क्रमित मध्य विद्यालय के 100 वर्ष पूरे होने पर आयोजित हीरक जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पटमदा के विधायक प्रतिनिधि चन्द्रशेखर टुडू ने कहीं।
सेवानिवृत्त शिक्षक को सम्मानित करते प्रधानाध्यापक।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों में भी काफी प्रतिभा हैं अगर उनके अभिभावक नियमित अपने बच्चों की देखभाल करें और उनपर नजर रखें तो बेहतर परिणाम ला सकते हैं। क्योंकि सरकार के द्वारा सभी सरकारी स्कूलों में मुफ्त में शिक्षा के साथ – साथ हर वह सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं जो निजी स्कूलों में होती हैं। टुडू ने कहा कि यह बात सच है कि हमारे अधिकांश अभिभावक कृषि कार्यों से जुड़े हैं इसलिए अपने बच्चों के लिए उतना समय नहीं निकाल पाते हैं जितना जरूरी है लेकिन अगर सोच अच्छी हो तो उसमें भी बेहतर भविष्य का निर्माण हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज से सौ साल पहले जिन व्यक्ति ने स्कूल के लिए अपनी जमीन दान में दी थी, सचमुच उनकी सोच अच्छी थी इसलिए आज हम यहां एकत्रित हुए हैं। वर्तमान समय में और भी अधिक ध्यान देने की जरूरत है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए कुछ बेहतर हो सके। टुडू ने कहा कि पटमदा के लोग किस्मत वाले हैं कि उन्हें अपने गांव के अंदर ही प्लस टू तक की मुफ्त में पढ़ाई की व्यवस्था मिल रही है और आगे की पढ़ाई के लिए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोन की व्यवस्था की है। कोई भी बच्चे उच्च शिक्षा हासिल कर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
इससे पूर्व कार्यक्रम को पटमदा के अंचलाधिकारी राजेंद्र कुमार दास, बीपीओ अवनी महांती, मुखिया परमेश्वर सिंह, ग्राम प्रधान फूलचांद महतो व प्रधानाध्यापक सौमेंदु कुमार सतपथी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ 101 मोमबत्ती जलाकर किया गया। इस दौरान बच्चों ने कविता पाठ, नाटक, संगीत आदि मनमोहक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। संचालन संजीव कुमार दत्त व धन्यवाद ज्ञापन पंचानन महतो ने किया। मौके पर मुख्य रूप से सौमेंदु सतपथी, पूर्णेन्दु बटव्याल, सम्पा गांगुली, दीप्ति महतो, पंचानन महतो, संजीव कुमार दत्त, डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. समीर कुमार, दिवाकर टुडू, सच्चिदुलाल मंडल, हरिपद महतो, धनंजय महतो, सुधीर चंद्र मुर्मू, जितुलाल मुर्मू व राजेश कुमार आदि मौजूद थे।