एंटरोकॉकस फैकेलिस बैक्टीरिया के कारण काशीडीह में फैला था डायरिया, जांच रिपोर्ट में खुलासा
Patamda: पटमदा के काशीडीह टोला में करीब एक माह पूर्व फैला डायरिया एंटरोकॉकस फैकेलिस नामक बैक्टीरिया के कारण उत्पन्न हुआ था। इसका खुलासा गांव से डायरिया के दौरान एकत्रित किए गए पानी के नमूने की लैब में हुई जांच के बाद हुआ है। एंटरोकोकी एक प्रकार का बैक्टीरिया है जो मनुष्यों के जठरांत्र (जीआई) मार्ग में रहता है। इन बैक्टीरिया की कम से कम 18 अलग-अलग प्रजातियां हैं। एंटरोकोकस फेकेलिस सबसे आम प्रजातियों में से एक है।
गुरुवार को गांव पहुंची मेडिकल टीम के सदस्यों ने बताया कि ग्रामीणों को अब भी उबालकर ही पानी पीने की जरूरत है। गौरतलब हो कि डायरिया के कारण काशीडीह में दो मरीजों की मौत हो गई थी और पूरे गांव में बीमारी के दौरान दहशत का माहौल बन गया था। डायरिया की बीमारी से करीब 60 लोग प्रभावित हुए थे और विभिन्न अस्पतालों में इलाज कराने के बाद अभी स्वस्थ हैं। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय तक जाने के बाद विभाग की नजर गांव में थी। जिला एवं प्रखंड स्तरीय मेडिकल टीम के लगातार प्रयास के बाद गांव में स्थिति पर नियंत्रण हुआ था। स्वास्थ्य विभाग की जिलास्तरीय टीम ने प्रभावित परिवारों से पूछताछ करते हुए वर्तमान स्थिति की जानकारी लेते हुए एक फॉर्मेट में भरकर रिपोर्ट तैयार की जिसे स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय को भेजा जाना है। टीम में मुख्य रूप से डॉ. सुशील तिवारी, डॉ. असद व डॉ. प्रशांत रंजन आदि मौजूद थे।