पटमदा के चिरूडीह गांव के किसान अब खेतों में उगाएंगे मशरुम, मिलेगी आर्थिक आजादी
Patamda : पश्चिम बंगाल से सटे पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा प्रखंड अंतर्गत सुदूर गांव चिरूडीह की महिला किसान अब जमीन में आटी पुआल मशरूम की खेती करेंगे। इस नई तकनीक की खोज किसान विशेषज्ञ डॉक्टर अमरेश महतो ने की है। महतो ने सोमवार को चिरूडीह गांव में भ्रमण कर वहां के किसानों के साथ उन्नत कृषि करने को लेकर परिचर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश व राज्य के किसानों की तकदीर अब बदलने वाली है, क्योंकि इस नई तकनीक को अपनाकर हर किसान अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं।
डॉक्टर अमरेश ने बताया कि आटी पुआल मशरूम की खेती सभी प्रकार की जमीन में सालों भर होती है और इसे महीने में दो बार उपजाया जा सकता है। नई तकनीक के आधार पर मशरूम के साथ-साथ एक ही समय में कसावा और स्वीट पोटैटो की खेती भी उसी जमीन में की जा सकती है, जो सोने पर सुहागा साबित होता है। कृषि कार्य के इस नई पद्धति की जानकारी प्राप्त कर सभी किसान गदगद हुए और अपने-अपने खेतों में इस फसल को करने के लिए सहमति प्रकट किए। किसान परिचर्चा में सामाजिक संगठन दीन बंधु ट्रस्ट के अध्यक्ष उत्तम चक्रवर्ती और महासचिव नागेन्द्र कुमार व डालसा पीएलवी शिव शंकर महतो भी मुख्य रूप से उपस्थित थे। मौके पर संस्था के अध्यक्ष उत्तम चक्रवर्ती व महासचिव नागेन्द्र कुमार ने कहा कि मशरूम का सेवन करने वाले लोगों का डायबिटीज, गैस्टिक और कैंसर रोग ठीक हो जाता है, क्योंकि उक्त बीमारी के लिए यह एक रामबाण औषधि है।