रांची में आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में पटमदा के बिप्लब का शोध पत्र चयनित
Patamda: रांची के जेसीईआरटी सेंटर में आयोजित 3 दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का समापन रविवार को सफलता पूर्वक हो गया। इसमें 9 राज्यों के शोधकर्ता, शिक्षक – शिक्षिकाएं व स्वयं सेवी संस्थाओं ने भाग लिया। सेमिनार का विषय स्कूल में नेतृत्व क्षमता, भूमिका और प्रदर्शन था। इसमें पूर्वी सिंहभूम जिले के पटमदा जैसे ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले बिप्लब गोराई के शोध पत्र चयन हुआ। उनका विषय था नेतृत्व क्षमता और प्रदर्शन। पूर्वी सिंहभूम झारखंड के माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पर एक अध्ययन।
इस संबंध में बिप्लब गोराई ने बताया कि उन्हें मार्गदर्शन में डॉ. प्रियंका झा, प्रस्तुति में विक्टर विजय सामद व डेटा कलेक्शन में सीएसआर के तहत सोनी कुमारी ने मदद की। उनके शोध में यह दिखाया गया कि किचन गार्डेन, इको क्लब, स्काउट एंड गाइड और एनसीसी जैसी गतिविधियां छात्रों के नेतृत्व कौशल और सॉफ्ट स्किल्स को कैसे बढ़ाती हैं। परिणामस्वरूप इको क्लब में सबसे अधिक भागीदारी दर्ज की गई, जबकि किचन गार्डन दूसरे स्थान पर रहा। यह शोध नीतिगत सुधारों और नई पहलों को प्रोत्साहित करेगा। यह शोध पत्र सरकार को तीन बड़े क्षेत्र में बड़ी सहायता मिलेगी जिनमें पॉलिसी रिफॉर्म, प्रोजेक्ट फॉर्मेशन, नए प्रोग्राम की शुरुआत।
समापन समारोह में जेसीईआरटी के द्वारा बिप्लब गोराई को सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया गया। गौरतलब हो कि पटमदा के बिड़रा गांव निवासी बिप्लब गोराई टाटा स्टील में सीएसओ के तौर पर कार्यरत हैं। उनकी रुचि बचपन से ही समाज की शिक्षा और विज्ञान चेतना पर रही। उनके पिता लक्ष्मण गोराई व माता शकुंतला गोराई ने बड़ी लगन और ऊंची सोच के साथ बिप्लब को पढ़ाया। 2014 में बिप्लब देश के शिक्षा जगत में अपनी बेहतर भूमिका निभाने वाली संस्था बीजीवीएस (भारत ज्ञान विज्ञान समिति) से जुड़े। बीजीवीएस बिप्लब गोराई के व्यक्तित्व निर्माण में बड़ा सहयोग किया। इसके बाद वह विभिन्न संगठनों से जुड़कर समाज में शिक्षा और विज्ञान चेतना को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय हो गए। बीजीवीएस की ओर से सबसे कम उम्र में उन्होंने पूर्वी सिंहभूम जिला के सचिव के रूप में समाज में अपना योगदान दिया।