पटमदा में एसबीआई से केसीसी का लोन लेना किसानों को पड़ रहा है महंगा, 7 माह से लगा रहे हैं चक्कर
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Patamda: केंद्र व राज्य सरकार किसानों की आयवृद्धि के लिए 5 लाख रुपए तक का केसीसी ऋण देने का प्रावधान किया है। लेकिन पटमदा के विभिन्न गांवों के किसानों को भारतीय स्टेट बैंक की पटमदा शाखा से लोन लेना महंगा साबित हो रहा है। बामनी गांव निवासी आदिवासी किसान रवि माझी का कहना है कि पिछले 7 माह से लगातार बैंक का चक्कर लगा रहे हैं लेकिन आज तक लोन तो मिला नहीं बल्कि बैंक के अधिकारी व कर्मचारी अब दुर्व्यवहार पर उतारू हो गए हैं। किसानों को लोन देना तो दूर की बात संतोषजनक जवाब भी नहीं मिलता है।
रवि माझी का कहना है उन्होंने जब इसकी शिकायत शाखा प्रबंधक तरुण कुमार से की तो उन्हें जवाब मिला कि केसीसी के मामले में जो भी करना है मैडम ही करेगी, वह कुछ नहीं कर सकते हैं। जब मैडम से गुहार लगाई गई तो उनका जवाब था कि आपको अगर आने में अधिक दिक्कत है तो आवेदन को रद्द करवा लीजिए। रवि का कहना है वह युवा किसान है और करीब 4 एकड़ जमीन पर सालों भर सब्जियों की खेती करते हैं जबकि धान की खेती 3 एकड़ में करते हैं। उनके आग्रह पर बैंक के कर्मचारियों द्वारा स्थल जांच भी की जा चुकी है और सबकुछ संतोषजनक मिला लेकिन उनके 90 हजार के आवेदन पर अब तक कोई विचार नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में फूलगोभी, लौकी, टमाटर, बैगन की खेती कर चुके हैं। लौकी और टमाटर की बिक्री किसी भी कीमत पर नहीं होने से नुकसान हुआ सो अलग। उन्हें एक मशीन (कृषि यंत्र) की बहुत जरूरत है और उसके लिए लोन की राशि के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इस संबंध में ग्राम प्रधान संघ पटमदा के अध्यक्ष बृंदावन दास का कहना है कि एसबीआई पटमदा शाखा के प्रति ग्राहकों की काफी शिकायतें हैं और यहां काम करवाना काफी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द ग्राम प्रधानों का एक प्रतिनिधिमंडल जिले के उपायुक्त से मिलेंगे और जरूरत पड़ी तो कृषि मंत्री से भी शिकायत करेंगे।
इस संबंध में शाखा प्रबंधक तरुण कुमार का कहना है कि उनकी जानकारी में यह बात नहीं आई है अगर ऐसा मामला है तो कल उस किसान को भेजें देख लिया जाएगा। हालांकि केसीसी के मामले में रीजनल ऑफिस से ही काम होता है।