प्रोजेक्ट गर्ल्स माचा, गोबरघुसी व बांगुड़दा हाई स्कूल में जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन
बांगुड़दा प्लस टू आदिवासी हाइस्कूल में आदिवासी नृत्य करतीं छात्राएं
Patamda: राज्य सरकार के निर्देशानुसार शुक्रवार को पटमदा प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय गोबरघुसी में जनजातीय गौरव दिवस मनाया गया। विद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने अपने-अपने जनजातीय कलाओं को प्रदर्शित किया। विद्यालय परिसर में आदिवासी लोक सांस्कृतिक सोहराय, लांगड़े, दोङ एवं पाता नाच की प्रस्तुति की। कुछ छात्रों द्वारा आदिम जनजाति के खाद्य सामग्री का स्टोल लगाया गया। इस कार्यक्रम से छात्रों में काफी उमंग दिखा। कक्षा एक एवं दो के छात्र-छात्राओं को पोषाक वितरण भी किया गया । मौके पर प्रभारी प्रधानाध्यापक उपेंद्र बेसरा, सहायक शिक्षक मो. जियाऊल हसन मंसूरी, चन्द्र शेखर आचार्य, सुधांशु महतो, दिनेश कुमार मालाकार, सहायक शिक्षिका स्वेता, हरप्रीत कौर, अंजु दत्ता, सुधांशु शेखर मुदी, विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सोनारतन सिंह एवं सदस्यगण उपस्थित थे।
गोबरघुसी उत्क्रमित उच्च विद्यालय में कार्यक्रम के दौरान उपस्थित छात्राएं व अभिभावकगण
पटमदा के प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल माचा में छात्राओं को जनजातीय भाषा, औषधि जनजाति जो पटमदा क्षेत्र के आसपास के जगहों पर पाए जाते हैं, उनका भ्रमण करवाया गया। साथ ही कार्यक्रम आयोजन करके विद्यालय स्तर पर जनजाति समाज की गौरव गाथा बताई गई। धरती आबा बिरसा मुंडा के 150वीं जयंती पर उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम आयोजित किया गया। नुक्कड़ नाटक के जरिए बिरसा मुंडा की जीवनी और संघर्ष दिखाया गया। निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित की गई। विद्यालय में सभी छात्रों ने परिधान के साथ अपनी भाषाओं में कविता पाठ और कहानी सुनाई। संथाली भाषा में किताबों को ओलचिकी लिपि सिखाई गई।
कार्यक्रम में पूनम कुमारी, अलका कुमारी व धनंजय कुमार आदि उपस्थित रहे।
प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल में कार्यक्रम के दौरान उपस्थित छात्राएं
बांगुड़दा प्लस टू हाई स्कूल में जनजातीय नाच गान आयोजित
पटमदा प्रखंड के प्लस टू आदिवासी उच्च विद्यालय, बांगुड़दा में शुक्रवार को जनजातीय गौरव दिवस के तहत जनजातीय नाच गान का आयोजन किया गया। इस संबंध में शिक्षक प्राणकृष्ण कुंभकार ने बताया कि अभी हर विद्यालय में जनजातीय गौरव पखवाड़ा चल रहा है इसी के तहत विद्यालय में आदिवासी संस्कृति का नृत्य गीत प्रस्तुत किया गया।प्रधानाध्यापक सुजीत कुमार सेठ ने कहा कि किसी भी जाति की संस्कृति ही उनकी पहचान होती है जो कि शिक्षा से बढ़कर होता है। हमें अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। संस्कृति का पतन होना मतलब एक समाज का पतन होना है। इसमें विद्यालय के प्रधानाध्यापक , शिक्षक- शिक्षिकाएं और 1000 से अधिक विद्यार्थियों ने संथाली गाना पर सामूहिक नृत्य किया। इस अवसर पर शिक्षक विवेकानंद दरिपा व प्राणकृष्ण कुंभकार आदि उपस्थित थे।