बोड़ाम में पेयजल समस्या को लेकर सड़क पर उतरी महिलाएं, सीओ के आश्वासन पर 3 घंटे बाद जाम खत्म
महिलाओं से बातचीत करते सीओ रंजीत रंजन
Patamda: बोड़ाम प्रखंड के बांकादा गांव में करीब 5 वर्षों पूर्व अधिष्ठापित सोलर आधारित पाइप लाइन जलापूर्ति योजना का जलमीनार पिछ्ले दो वर्षों से खराब पड़ा है। यहां की महिलाएं अन्य टोला स्थित चापाकल से पानी लाकर प्यास बुझाने का काम कर रही थीं। लेकिन जब चापाकल भी खराब हो गया तो पेयजल संकट गहरा गया। इससे पूर्व ग्रामीणों ने इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय मुखिया और बोड़ाम बीडीओ से कई बार गुहार लगाई लेकिन 2 वर्षों के बाद भी इस संबंध में न तो मुखिया और न ही बीडीओ ने ध्यान दिया। पेयजल समस्या से जूझ रहे 15 परिवारों के महिला और पुरुषों ने बेलटांड़-रघुनाथपुर मुख्य सड़क को सुबह 7 बजे बांस लगाकर व खाली बर्तन रखकर जाम कर दिया। जिससे दोनों ओर गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं।
बोड़ाम पुलिस को सूचना मिलते ही एसआई बिनोद मुर्मू दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। साथ ही बेलडीह पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि परिमल सिंह और वार्ड सदस्य पशुपति सिंह भी जाम स्थल पहुंचकर लोगों को समझाया। मुखिया प्रतिनिधि द्वारा 24 घंटे के अंदर जलमीनार की मरम्मत करवाने का लिखित आश्वासन देने के बाद भी ग्रामीण नहीं माने। फिर सूचना पाकर पहुंचे बोड़ाम सीओ रंजीत कुमार रंजन ने जामस्थल पहुंचकर ग्रामीणों के समक्ष पेयजल विभाग अधिकारी के साथ दूरभाष पर बात की। विभागीय अधिकारी ने एक महीने के अंदर बस्ती में एक नया चापाकल लगवाने आश्वासन सीओ को दिया है। सीओ ने नया चापाकल लगने तक बांकादा मध्य विद्यालय के जलमीनार का पानी उपयोग हेतु देने के लिए प्रधानाध्यापक के साथ बातचीत की। सीओ के आश्वासन से संतुष्ट ग्रामीणों ने करीब 10 बजे सड़क जाम को समाप्त किया इसके बाद वाहनों का परिचालन सामान्य हुआ।
ग्रामीणों ने सीओ से कहा कि एक महीने के अंदर पेयजल की समस्या दूर नहीं होने पर फिर से सड़क जाम किया जायेगा। मालूम हो कि बांकादा गांव के एक टोला में 15 आदिवासी परिवार निवास करते हैं। यहां जलमीनार के अलावा कोई दूसरा सरकारी या निजी चापाकल नहीं है। आंदोलन में मुख्य रूप से बासकी मुदी, सविता मुदी, मुसुर मुदी, मेनका मुदी, संध्या रानी मुदी, सुशीला मुदी, अमृता मुदी, शिशिरा मुदी, कुंती मुदी, रानी मुदी, कर्मू मुदी, धर्मू मुदी, संतोष मुदी, गुणधर मुदी, मुचीराम मुदी, सुशील मुदी, टिंकर मुदी, रंजित प्रमाणिक, अजीत प्रमाणिक, विष्णु तंतुबाई, मृत्युंजय तंतुबाई, बिसका तंतुबाई, डमन मुदी, श्रावण मुदी, इन्द्रनारायण मुदी, सुनिल मुदी, कैलाश मुदी व बहादुर सहिस आदि शामिल थे।