भिलाई पहाड़ी में टुसू मेला आयोजित, मंत्री रामदास सोरेन ने विवेक गोराई को दिया पहला पुरस्कार
मंगलवार को भिलाई पहाड़ी में टुसू पर पहला पुरस्कार देते मंत्री रामदास सोरेन
Jamshedpur : एमजीएम थाना क्षेत्र अंतर्गत भिलाई पहाड़ी हाट मैदान में मंगलवार को मकर संक्रांति के मौके पर आयोजित विशाल टुसू मेला में पहला पुरस्कार के रूप उलीडीह निवासी विवेक गोराई को बतौर मुख्य अतिथि राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के हाथों 15 हजार 500 रुपए का पहला पुरस्कार दिया गया। इसके अलावा अन्य टुसू पर डेढ़ हजार से लेकर 14 हजार तक का पुरस्कार कमेटी की ओर से दिया गया। मौके पर मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि मकर संक्रांति सिर्फ झारखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश में विभिन्न नामों से मनाया जाता है और हमारे राज्य में इसे आदिवासी मूलवासी समुदाय की ओर से कई दिनों तक मनाया जाता है। मकर संक्रांति के एक दिन पूर्व बाउंड़ी मनाया जाता है जिसमें लोग मांस पीठा व गुड़ पीठा आदि बनाकर खाते हैं। उसके बाद साल का सबसे शुभ दिन के रूप में आखान यात्रा को मनाया जाता है जिसमें कृषि कार्य से लेकर हर शुभ कार्य का शुभारंभ किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमने गुरुजी के नेतृत्व में लड़कर अलग राज्य हासिल किया और उनके पुत्र हेमंत सोरेन उनकी सोच को धरातल पर उतारने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि आदिवासी मूलवासी समुदाय के हित में राज्य सरकार के द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही है जिसकी सूची लंबी है। उन्होंने मेला का भव्य आयोजन के लिए कमेटी के अध्यक्ष पिंटू दत्ता समेत पूरी टीम की प्रशंसा की।
बतौर विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक कुणाल षड़ंगी ने कहा कि यहां देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृतियों का संगम देखने को मिल रहा है जो वाकई प्रशंसनीय है। पिंटू दत्ता ने कहा कि इस मेला के आयोजन में स्थानीय लोगों के साथ -साथ इसमें शामिल होने वाले सभी लोगों का योगदान होता है यही वजह है कि पिछले 18 सालों से यहां शांतिपूर्ण तरीके से भव्य आयोजन किया जाता है और भविष्य में और भी बेहतर करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्री रामदास सोरेन से हमेशा उनको सहयोग मिलता आया है और जब सिर्फ विधायक थे तब से यहां हर साल आते हैं और अब मंत्री बनकर भी आना नहीं भूले यह उनकी सादगी का प्रतीक है।
मौके पर जिला पार्षद प्रभावती दत्ता, झामुमो नेता कालीपद गोराई समेत कई अतिथि मौजूद रहे। इस बार कमेटी की ओर से बच्चों के मनोरंजन के लिए झूला, डिजनी रैंप समेत कई चीजों की निःशुल्क व्यवस्था की गई थी। इस दौरान बच्चों ने जमकर मस्ती की। हजारों की संख्या में पहुंचे लोगों ने झारखंड, पश्चिम बंगाल व ओड़िशा की संस्कृति का आनंद उठाया। यहां टुसू नृत्य, छऊ नृत्य, चांपा कुसुम झूमर, आधुनिक विचित्रानुष्ठान, रम्पा नृत्य, महिषासुर वध, जिम्नास्टिक, पाता नाच आदि का आयोजन हुआ। मेला के सफल संचालन में अध्यक्ष पिंटू दत्ता, उपाध्यक्ष घासीराम सिंह, धीरेन गौड़, जोगेन गौड़, काजल दत्ता, संदीप लाहा, बुद्धेश्वर कुंडू, प्रणव महतो, अजय गोराई, संजीव गौड़, नगेंद्र गौड़, महावीर पाल, सुबोध गौड़, आशीष गौड़, रवि धीवर, महेश गौड़, चंद्रशेखर गौड़, हरिपद सिंह, अर्जुन सोरेन, हरेंद्र गौड़, बद्रीनाथ गौड़, त्रिलोचन गौड़, विश्वनाथ ज्योतिषी, विकल करगा, महेश राय, मृत्युंजय कुमार, हाराधन मुर्मू, नरेंद्र गौड़, सुकुमार महांती आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।