बोड़ाम में एनडीए प्रत्याशी रामचंद्र सहिस के समर्थन में चुनावी सभा आयोजित, चम्पाई, सुदेश व विद्युत ने की रिकॉर्ड मतों से जिताने की अपील
रामचंद्र सहिस को जिताएं, राज्य में गोगो दीदी योजना व बहाली प्रक्रिया फिर से शुरू करेंगे : चम्पाई
Patamda: बुधवार को बोड़ाम हाट तोला मैदान पहुंचे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा नेता चम्पाई सोरेन ने एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी रामचंद्र सहिस के लिए वोट मांगा। उन्होंने कहा आज हम यह बताने आए हैं कि झामुमो, कांग्रेस और राजद के साढ़े 4 साल की वर्तमान सरकार के कार्यकाल की तुलना में मेरा 5 महीना का कार्यकाल में क्या-क्या हुआ। 3 माह चुनाव था। 2 महीना में जो काम किया था वह साढ़े 4 साल में कभी उनलोगों ने सोचा तक नहीं था। चम्पाई सोरेन ने कहा कि मैं आदिवासी मूलवासी की भावनाओं को समझता था इसलिए जनजातीय भाषा और बांग्ला, ओड़िया, नागपुरी व खोरठा भाषा में प्राइमरी स्तर से पढ़ाई का निर्णय लिया था। मुझे मालूम था कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो झारखंड में कोई फायदा नहीं होगा। चूंकि मैंने भी बांग्ला भाषा में पढ़ाई की है इसलिए इन भाषा भाषी लोगों की भावनाओं को अच्छी तरह से समझते हैं। शिक्षकों की बहाली का प्रयास किया तो सत्ता से बाहर कर दिया गया और सारा काम रूक गया। 2 महीना में शिक्षक व सिपाही की बहाली की प्रक्रिया शुरू कराई लेकिन उसे भी बंद करा दिया। चम्पाई ने उपस्थित लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस बार के चुनाव में गठबंधन प्रत्याशी रामचंद्र सहिस को केला छाप पर वोट देकर जिताने का काम करें, गोगो दीदी योजना लागू होगी, देर नहीं होगी, 2100 रुपए नियमित दी जाएगी। राज्य में फिर से बहाली की प्रक्रिया शुरू होगी।
आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि पिछले चुनाव में 400 वादा करने वाले हेमंत सोरेन इस बार कांग्रेस के पीछे जाकर छिप गया और गठबंधन के तहत 7 वादा किया। क्योंकि उसे पता है कि पिछली बार का एक भी वादा पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में भाजपा और आजसू के विचार में जो अंतर आया उसमें सिर्फ भाजपा और आजसू को नहीं बल्कि पूरे राज्य की जनता को नुकसान हुआ है। रामचंद्र सहिस ने 10 सालों में जो काम किया था आज 5 साल का काम लेकर वर्तमान विधायक सामने खड़ा भी नहीं हो सकता। सुदेश ने आरोप लगाया कि 4 माह से बुजुर्गों के पेंशन का पैसे बंद करके मुख्यमंत्री मंईयां में दे रहे हैं। रामचंद्र सहिस का वनवास को खत्म करना है। उन्होंने कहा कि मुंडारी, हो और कुड़माली को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है, इसके लिए पीएम को धन्यवाद देते हैं। कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी से बात हुई है कि मैनिफेस्टो में क्षेत्रीय दल होने के नाते स्थानीय मुद्दे को प्राथमिकता देना है जिसपर पीएम ने आश्वासन देते हुए कहा कि आपको पूरा महत्व मिलेगा। इसलिए आज घोषणा करते हैं कि अंतिम सर्वे सेटलमेंट के आधार पर स्थानीयता चिन्हित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को भी सम्मान देने की तैयारी एनडीए गठबंधन कर रही है जिसकी घोषणा 8 नवंबर को मैनिफेस्टो में किया जाएगा। आंदोलनकारियों का चिन्हितिकरण 25 सालों से हो रहा है। जेल जाने की बाध्यता को खत्म करते हुए कम से कम 10 हजार रुपए प्रतिमाह आंदोलनकारियों को देंगे, यह तैयारी है। उन्होंने कहा आदमी को जिंदा रखने के लिए नहीं बल्कि मौलिक अधिकार दिलाने के लिए हमारी तैयारी है। एक गरीब परिवार को एक लाख 21 हजार का वार्षिक सहयोग मिलेगा।
जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो ने हेमंत सोरेन सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए कहा कि युवाओं को नौकरी मिलने तक भत्ता देंगे, महिलाओं को चूल्हा खर्च देने का वादा करके ठग लिया। अब चुनाव सामने आया तो मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना से एक हजार देना शुरू किया, लेकिन बूढ़े बुजुर्गों का पेंशन बंद कर दिया। कहा कि सहिस बाबू को जिताएं, 3 दिसंबर को सरकार बनने पर 11 तारीख तक 2100 रुपए सटासट देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सिंचाई के लिए केंद्रीय मंत्री ने कई बार सीएम हेमंत सोरेन को पत्र लिखा लेकिन राजनीतिक कारणों से कभी भी प्रस्ताव नहीं भेजा। उन्होंने कहा कि पटमदा- बोड़ाम में जितनी भी सड़कें बनी हैं सेंट्रल रोड फंड से बनवाएं हैं। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि पहले फूल को दिया अब फल को दें, रामचंद्र सहिस को जिताएं।
झामुमो के विधायक के पास ही 1932 का खतियान नहीं और करती है खतियान की बात: सहिस
पूर्व मंत्री सह जुगसलाई के एनडीए प्रत्याशी रामचंद्र सहिस चुनावी जनसभा में कहा कि झामुमो की सरकार और उसके नेता बड़े झूठे हैं, जिस तरह पिछली बार झूठे वादे करके लोगों को ठगने का काम किया उसी तरह फिर से इस बार भी ठगने के लिए घोषणा पत्र में 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने का वादा कर रहे हैं। उन्होंने इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी मंगल कालिंदी के बारे में कहा कि वह ओड़िसा का मूल निवासी है और उनके पास 1932 का खतियान नहीं है, यह कितनी हास्यास्पद बात है। उन्होंने कहा कि 2009 में पटमदा बोड़ाम की जनता ने एकजुटता दिखाकर परिवर्तन लाने और मुझे झारखंड विधानसभा में भेजने का काम किया था। उसके बाद यहां पर विकास के ढेर सारे काम हुए। इस चुनाव में झूठे वादे करने वाली सरकार और उसके नेता को जवाब देने की जरूरत है। उन्होंने आरोप लगाया कि
मंगल कालिंदी जिस दिन कोल्ड स्टोरेज का उद्घाटन करने गया उस दिन शिलान्यास का शिलापट्ट को छिपाने का काम किया है। लेकिन उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि जनता सब जानती है कि कोल्ड स्टोरेज, डिग्री कॉलेज, आईटीआई, मॉडल स्कूल आदि बनाने का काम किसने किया, रामचंद्र सहिस जनता के दिलों में हैं। उन्होंने कहा कि मैं यहां का खतियानी हूं। जिनका अपना पुत्र मजबूत होता है उसे धर्मपुत्र की जरूरत नहीं होती। यहां की भाषा संस्कृति को नहीं समझने वाले लोग बड़ा हितैषी बनने चले थे लेकिन अब तक की उनकी उपलब्धि में धोखा साबित हुआ है।
हेमंत सोरेन सदन में बोलते हैं कि 1932 का खतियान लागू करना कभी भी संभव नहीं है और बाहर में बोलता है, लागू करेंगे जो दोहरा चरित्र है। घर की बड़ी बहू को अपमानित किया जा रहा है और कहते हैं मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना लागू करके महिलाओं को सम्मान दे रहे हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों से केला छाप पर बटन दबाकर उन्हें फिर से विधानसभा भेजने की अपील की और कहा कि फूल और फल एक ही है। मौके पर आजसू के जिलाध्यक्ष कन्हैया सिंह, सरस्वती सहिस, श्यामकृष्ण महतो, नीलकमल महतो, रमानाथ महतो, प्रदीप बेसरा, प्रदीप कुमार महतो, मुचीराम बाउरी, आदित्य महतो, शांतनु मुखर्जी, प्रधान चंद्र महतो, बासुदेव मंडल, वन बिहारी महतो, खालिद, कृपासिंधु महतो, सागेन बेसरा, मंगल टुडू, अनिल मोदी, कड़ाकर गौड़, अजय गोराई, सदानंद महतो, अप्पू तिवारी, राकेश मुर्मू आदि मौजूद थे।
दूसरी ओर जमशेदपुर प्रखंड से आए हूरलूंग निवासी कृष्णा सोरेन ने मंच से सुदेश महतो के समक्ष विधायक मगंल कालिंदी के खिलाफ आरोप लगाते हुए कहा उनकी 13 एकड़ पुश्तैनी जमीन को विधायक ने भू माफिया के हवाले कर दिया है और प्रशासन भी उसकी बात नहीं सुनता। इस पर सुदेश महतो ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि का ऐसा आचरण नहीं होना चाहिए। इस संबंध में विधायक मगंल कालिंदी ने कहा कि जिस जमीन के मामले में उन पर कृष्णा सोरेन आरोप लगा रहे हैं उस जमीन से उनका दूर दूर तक कोई संबंध नहीं है। विधायक ने कहा कि उस जमीन पर पिछले करीब 40 वर्षों से लोहार समाज के काफी परिवार के लोग निवास कर रहे हैं। उस जमीन को खाली कराने के लिए कृष्णा सोरेन उनसे मदद मांगने आए थे लेकिन उसे यह कहकर वापस भेज दिया था कि ग्रामीणों का आपसी मामला है वह गांव में बैठकर ही सुलझा लें। उन्होंने दावा किया कि कोई भी व्यक्ति एक कट्ठा भी किसी की जमीन हड़पने का प्रमाण दे दें तो वह राजनीति छोड़ देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि विरोधी पार्टी के लोग अपनी संभावित हार के डर से बौखला गए हैं इसलिए उनके खिलाफ साजिश रचने का काम कर रहे हैं ताकि उनकी छवि धूमिल हो और उन्हें चुनावी लाभ मिल सके।