चिंताजनक: पूर्वी सिंहभूम में अब तक 7 प्रतिशत भी नहीं हुई धान की खरीद, 12 जिलों के आंकड़े 10 प्रतिशत से कम, विभागीय संयुक्त सचिव ने जताई नाराजगी
Ranchi: राज्य के 12 जिलों में किसानों से धान खरीद में हो रही लेटलतीफी को लेकर खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने नाराजगी जताई है। विभाग के संयुक्त सचिव दीपक कुमार ने संबंधित जिलों के उपायुक्तों को एक पत्र लिखा है। पत्र के मुताबिक सबसे अधिक धान खरीद का लक्ष्य पूर्वी सिंहभूम जिले में 6 लाख क्विंटल रखा गया है। यहां अब तक महज 6.47 प्रतिशत ही धान की खरीद हुई है।देवघर, साहिबगंज, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम, दुमका, बोकारो, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम और धनबाद ऐसे जिले हैं, जो किसानों से धान खरीद के मामले में काफी पीछे चल रहे हैं। धनबाद की स्थिति सबसे खराब है। अपने पत्र में संयुक्त सचिव ने कहा है कि खरीफ विपणन मौसम 2024-25 में राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के लिए धान अधिप्राप्ति की जानी है। उपरोक्त जिलों में धान खरीद की गति अत्यंत धीमी है। विगत 7 जनवरी यानी मंगलवार तक धान खरीद का आंकड़ा 10 प्रतिशत से नीचे का रहा है। ऐसे में तय तिथि (15 अप्रैल तक) धान क्रय के निर्धारित लक्ष्य (60 लाख क्विंटल) को पूरा करना संभव नहीं हो सकेगा।ऐसे में उपरोक्त सभी उपायुक्त धान खरीद की गति में तेजी लाएं।
स्थिति ऐसी ही रही तो 15 अप्रैल तक निर्धारित लक्ष्य 60 लाख क्विंटल को पूरा करना संभव नहीं
पत्र के मुताबिक पांच जिले ऐसे हैं, जहां मंगलवार तक धान की खरीद 15 प्रतिशत से नीचे की रही है। गढ़वा जिले की स्थिति धान खरीद में काफी बेहतर है। जिले ने 42 प्रतिशत से अधिक धान की खरीद की है। पत्र के मुताबिक सबसे अधिक धान खरीद का लक्ष्य पूर्वी सिंहभूम जिले में 6 लाख क्विंटल रखा गया है। यहां अब तक महज 6.47 प्रतिशत ही धान की खरीद हुई है। कोडरमा में सबसे कम 1 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य है। यहां अब तक 25 प्रतिशत के करीब धान की खरीद हो चुकी है।
2.40 लाख किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन
बता दें कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में धान अधिप्राप्ति योजना के तहत बीते साल 15 दिसंबर से धान खरीद की शुरुआत हुई है। धान खरीद के लिए किसानों को विभाग अंतर्गत संचालित ई-उपार्जन वेबसाइट पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होता है। शुक्रवार सुबह तक 2,40,465 किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने 60 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य तय किया हुआ है। इसके लिए सभी 24 जिलों में योजनाबद्ध तरीके से अब तक 710 न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) केंद्र स्थापित किए गए हैं।