पटमदा में किसानों ने आखान यात्रा के साथ किया कृषि कार्य की शुरुआत
Patamda: पटमदा व बोड़ाम प्रखंड के सभी गांवों में बुधवार को आखान यात्रा के मौके पर किसानों ने कृषि कार्य की शुरुआत की। इस संबंध में युवा समाजसेवी विश्वनाथ महतो ने बताया कि छोटानागपुर पठार के सभी गांवों में मकर संक्रांति के दूसरे दिन पहला माघ आखान यात्रा (आखाइन जातरा) को शुभ दिन मानते हुए हाल पुन्याह कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सभी लोगों ने हल बैल के साथ ढाई चक्कर खेत की जुताई कर कृषि कार्य तथा नया साल की शुरुआत किया। जबकि जिनके पास हल बैल नहीं हैं कुदाली से मिट्टी या गोबर काटकर परंपरा का निर्वाह किया।
छोटानागपुर पठार की प्रकृति जैसे ही संस्कृति भी अनन्य है। यहां की दैनिक जीवन यात्रा जैसे ही पंजिका भी इनकी अलग है। कृषि जीवी जनजाति अपने फसल को विशेष महत्व देते हैं। विश्वनाथ महतो ने बताया कि फसल उठाने के बाद पौष महीना को फसल देवी के रूप में टुसू की आराधना की जाती है। पौष संक्रांति को फसल उत्सव टुसू के नाम समर्पित है और इसे टुसू परब कहा जाता है। इसके अगले दिन पहला माघ को यहां नववर्ष मनाया जाता है। कृषक इस दिन से कृषि कार्य का शुभारंभ करते हैं जो अपने हल आदि कृषि सामग्री को बांदना के समय पूजा के बाद अवकाश दिए थे। जिसे आखाइन जातरा कहा जाता है। इस दिन सभी प्रकार के शुभ कार्यों की शुरुआत की जाती हैं। आखाइन जातरा के दिन सुबह नदी या तालाब में स्नान कर हलों में नये फाल लगाकर बैलों को लेकर खेत में “ढाई-पाक” हल चलाने की परंपरा पूरी की जाती है अर्थात नये कृषि-संवत में प्रवेश किया जाता है।