बोड़ाम में दलमा आंचलिक सुरक्षा समिति के नेता परमेश्वर सिंह की मिली लाश

बोड़ाम में दलमा आंचलिक सुरक्षा समिति के नेता परमेश्वर सिंह की मिली लाश

हत्या करने के बाद आमझोर गांव में एक पेड़ पर लटकाया गया था

Patamda: नक्सलियों के विरुद्ध आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वाले बोड़ाम थाना क्षेत्र के कोयरा टोला जोजराडीह निवासी रहे परमेश्वर सिंह की लाश गुरूवार की सुबह एक पेड़ पर लटका हुआ पाये जाने पर क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। आमझोर गांव के टोला काशीडीह में नाला के पास छागलदह नामक पलाश के जंगल में एक बेल के पेड़ पर लटकी लाश को पुलिस ने दोपहर करीब 1 बजे बरामद किया है। इसके बाद पटमदा डीएसपी सुमित कुमार व थाना प्रभारी शंकर लकड़ा ने उपस्थित सैकड़ों लोगों को उचित जांच व कार्रवाई का भरोसा देते हुए लाश को पोस्टमार्टम हेतु एमजीएम अस्पताल भेज दिया है। करीब 45 वर्षीय परमेश्वर सिंह पेशे से राजमिस्त्री थे और पिछले करीब 13 वर्षों से अपने घर से बाहर यहां-वहां ही रहते थे। उनके बड़े भाई विश्वनाथ सिंह ने बताया कि पिछले करीब 5 वर्षों से आमझोर के काशीडीह टोला में गोहन सिंह के घर पर ही रहता था और क्षेत्र में राजमिस्त्री का काम करने के साथ ही कभी-कभी उनके घर का भी काम कर देता था। उन्होंने कल शाम को 5 बजे एक बाउंड्री वाल के निर्माण कार्य में काम छुट्टी करने के पश्चात अन्य मजदूरों के साथ देखा था। वह नक्सलियों के टारगेट में होने की वजह से ही घर पर नहीं रहता था और वह अविवाहित था। तीन भाइयों में परमेश्वर छोटा था। बड़े भाई विश्वनाथ सिंह एवं दूसरे भाई मनोहर सिंह का परिवार है और तीनों भाइयों में आपसी मेल व प्रेम था। पटमदा डीएसपी ने मामले की छानबीन शुरू करते हुए दलमा आंचलिक सुरक्षा समिति के दोनों गुटों से जुड़े नेताओं से पूछताछ किया है एवं गांव के अन्य लोगों से भी परमेश्वर सिंह की किसी से दुश्मनी या अन्य जानकारी हेतु पता लगाया जा रहा है। यहां पहुंचे समिति के जलन मार्डी, रामकृष्ण महतो, अधर सिंह, कांचन सिंह, अजय सिंह, पद्मलोचन सिंह, नेपाल सिंह, सुकदेव सिंह, लक्ष्मण सिंह सरदार आदि ने पुलिस से मांग किया है कि इस घटना में शामिल आरोपियों को चिन्हित कर जल्द से जल्द कार्रवाई की जाय। डीएसपी ने कहा कि इस हत्या की घटना को नक्सलियों ने नहीं बल्कि किसी अज्ञात लोगों ने ही अंजाम दिया होगा। बताते हैं कि बुधवार की रात को ही उसकी हत्या के बाद एक धोती पहनाकर उसी धोती के सहारे पेड़ की डाली में लटका दी गई थी। उसके शरीर में कोई गहरे जख्म के निशान नहीं है। उसके गुप्तांग से खून निकलता हुआ पाया गया जिसमें कोई अस्त्र से आघात लगने जैसा प्रतीत नहीं हुआ।

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