आज का दिन हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आज के दिन तीन महान विभूतियों का जन्म हुआ था: विश्वनाथ महतो
महुलबना में मनाई गई सावित्रीबाई फुले, जयपाल सिंह मुंडा व रतिलाल महतो की जयंती
Patamda: पटमदा प्रखंड की महुलबना पंचायत अंतर्गत काशीडीह गांव में शुक्रवार को शहीद स्मारक समिति के तत्वावधान में देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले, झारखंड आंदोलन के जनक मारांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा एवं झारखंड आंदोलनकारी शहीद रतिलाल महतो की जयंती मनाई गई। इस दौरान उपस्थित लोगों ने तीनों के चित्रों पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। मौके पर पूर्व लोकसभा प्रत्याशी विश्वनाथ महतो ने कहा कि आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि इसी दिन हमारे तीन महान व्यक्तियों का जन्म हुआ था।
उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फूले ने उस जमाने में सभी वर्ग और महिलाओं के लिए स्कूल की स्थापना की थी। जब शूद्रों एवं महिलाओं को पढ़ने देना भी गलत समझा जाता था और पीछे बैठने के लिए भी मजबूर किया जाता था। कहा कि मारांग गोमके ने न सिर्फ अलग झारखंड राज्य की परिकल्पना की थी बल्कि उसे धरातल पर उतारने के लिए भी समस्त झारखंडियों को एकजुट किया था। उन्हीं परिकल्पना और संघर्ष का ही परिणाम है कि झारखंड एक अलग राज्य बना। अलग झारखंड राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मजदूर नेता शहीद रतिलाल महतो भी आज के दिन इस धरती पर अवतरित हुए थे। झारखंड आंदोलन के साथ-साथ वे ग्रामीण क्षेत्रों के उद्यमियों के यहां कार्यरत श्रमिकों के हक के लिए हमेशा संघर्षरत रहे। धीरे-धीरे वे श्रमिकों के मसीहा के रूप में पहचाने गए।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से विश्वनाथ महतो, अनिल बास्के, सुधांशु बानूआर, असित महतो, धीरेन महतो, सुभाष महतो, पंचानन, मुकेश, संतोष, प्रदीप, कांग्रेस महतो, धनंजय महतो, अनिमेश, कैलाश, छुटूलाल, रूहिदास महतो, राधानाथ महतो, दिलीप महतो, खिरोद , श्रावण महतो व करमू महतो आदि शामिल थे।