दामोदरपुर स्कूल के शिक्षक जगदीश प्रसाद मंडल सेवानिवृत्त, गमगीन माहौल में दी गई विदाई
पूर्व छात्रा फूलमणि सिंह द्वारा बनाई गई आकर्षक पेंटिंग सौंपती उनकी बहन
Patamda: बोड़ाम प्रखंड अंतर्गत दामोदरपुर उत्क्रमित उच्च विद्यालय के शिक्षक जगदीश प्रसाद मंडल को सोमवार को विद्यालय परिसर में गमगीन माहौल में विदाई दी गई। मौका था उनकी सेवानिवृत्ति पर विदाई समारोह का। यहां शिक्षक, अभिभावक व बच्चों ने सैकड़ों उपहार देकर उन्हें सम्मानित किया। बच्चों के आलावा दर्जनों शिक्षकों ने भी चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लिया।
बतौर मुख्य अतिथि बीआरपी अवनी महांती ने कहा कि जगदीश बाबू आदर्श शिक्षक हैं और उन्हें प्रखंड से लेकर जिला स्तर का पुरस्कार मिल चुका है। उनके प्रधानाध्यापक रहते प्राथमिक शिक्षा निदेशक भी इस स्कूल का निरीक्षण करते हुए प्रसन्नता व्यक्त कर चुके हैं। अपने कर्म जीवन में जिस तरह से निष्ठापूर्वक काम किए हैं उसी का परिणाम है कि आज भारी संख्या में लोग शामिल हुए हैं।
समाजसेवी शरत सिंह सरदार ने कहा कि जगदीश बाबू भले ही उम्र में उनसे छोटे हैं लेकिन हमेशा किसी भी समस्या पर सहयोग मिला। उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम होगी। सरदार ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि भगवान उन्हें सपरिवार स्वस्थ रखें और समाज को उनकी सोच तथा कार्यकुशलता का लाभ मिलता रहे।
गिरिजा प्रसाद मिश्रा ने कहा कि जगदीश कोई व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था है। इस विद्यालय को अपना कर्मभूमि मानकर सर्वांगीन विकास किए हैं। बच्चों के प्रति अनुशासन समेत हर चीजें अनुकरणीय है। उनमें किसी भी समस्याओं का सामना करने की अद्भुत क्षमता है इसलिए उनसे हमेशा शिक्षकों को मदद मिली।
ललित हांसदा ने कहा कि जगदीश बाबू से उन्हें भी काफी कुछ सीखने का मौका मिला है और उनमें बच्चों की प्रतिभा को तराशने की बेहतर क्षमता है इसलिए हर मामले में विद्यालय की महत्वपूर्ण भागीदारी रहती है।
मौके पर जगदीश प्रसाद मंडल ने कहा कि इस गांव में उन्हें जो स्नेह, सम्मान और सहयोग मिला है, कभी भूला नहीं पाएंगे इसलिए प्रत्येक परिवार के साथ उनका रिश्ता हमेशा रहेगा। संबोधन के वक्त अत्यधिक भावुक होने पर उनका गला रुंधा तो कहा कि आज ज्यादा कुछ नहीं बोलेंगे। इस गांव से वे कभी भी अलग नहीं होंगे।
इस संबंध में अभिभावक शंकर प्रसाद हांसदा ने बताया कि जगदीश बाबू ने अपने 20 वर्षों के कार्यकाल में ऐसा माहौल बनाया कि पोषक क्षेत्र के बाहर से भी काफी बच्चों ने यहां पढ़ाई करते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल की। साथ ही सरकारी विद्यालय होने के बावजूद यहां नामांकन के लिए पैरवी आती थी। अभिभावक इस विद्यालय में अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए निजी विद्यालय की भांति दूर से बच्चों को भेजते थे और बच्चों की संख्या अधिक होने का परिणाम यह रहा कि अन्य विद्यालयों की तुलना में यहां शिक्षकों की संख्या संतोषजनक रही। हालांकि छात्र संख्या के अनुपात में कम ही रही।
समारोह में शिक्षक डॉ. समीर कुमार, दुखुराम सिंह, सुधीर चंद्र मुर्मू, हलधर पांडा, गोवर्धन महतो, पागलानंद षड़ंगी, पालन मुर्मू, संतोषी राय आदि ने संबोधित करते हुए प्रशंसा की। मौके पर बच्चों ने नृत्य और संगीत प्रस्तुत कर मन मोह लिया। अपने प्रिय शिक्षक को विदाई देते वक्त हर आंखें नम हो गईं।
मौके पर प्रधानाध्यापक संतोष कुमार राय, मुखिया मगंल सिंह, उप मुखिया लक्ष्मी रानी गोराई, मधुसुदन प्रसाद, अजय कुमार, संतोष कुमार सिंह, प्रमथ सिंह सरदार, भूतनाथ सिंह, भगीरथ सिंह, बाबू छोटेलाल, मुकेश प्रसाद, निवारण महतो, जितेंद्र कुमार, अनिता महतो, रांगा सिंह सरदार, विभूति भूषण रजक, संतोष कुमार महतो, परितोष महतो, दीपक महतो, गौर चंद्र महतो, देवी प्रसाद महतो, मथन चंद्र महतो, हलधर पांडा, लखींद्र सिंह, संजय गोराई, अश्विनी कुमार महतो, लेदम किस्कू, दीनबंधु सिंह आजाद अंसारी, उपेन हेंब्रम, अजीत सिंह, आशुतोष महतो, भजहरि महतो, विपिन महतो, पशुपति महतो व गोपाल कृष्ण साव आदि मौजूद थे। समारोह की अध्यक्षता बुद्धेश्वर सिंह ने की जबकि मंच का संचालन ललित हांसदा ने किया।