पटमदा में बवाल, 3 घंटे तक बंधक बनी रही पुलिस व दखल दिलाने पहुंची जमशेदपुर कोर्ट की टीम
पिटाई से घायल ग्रामीण
Patamda: पटमदा थाना क्षेत्र अंतर्गत लच्छीपुर पंचायत के बांतोड़िया गांव में शनिवार को बवाल हो गया। यहां दोपहर करीब 12 बजे एक पक्ष के विश्वनाथ माझी व अन्य लोगों को जमशेदपुर सिविल कोर्ट के आदेश पर (31.15 एकड़) जमीन का दखल दिलाने हेतु जमशेदपुर सिविल कोर्ट की टीम पहुंची थी। दोपहर करीब डेढ़ बजे के बाद कोर्ट के कर्मचारियों के साथ दूसरे पक्ष की झड़प हो गई। बांतोड़िया सबर टोला के पास हुई घटना में दूसरे पक्ष के विभूति माझी (ग्राम प्रधान) समेत 24 परिवार के लोग कोर्ट का आदेश नहीं मानने की बात करते हुए कोर्ट के पदाधिकारी व कर्मचारियों के साथ बहस करने लगे। उनका तर्क था कि इस जमीन के लिए उन्हें 2022 में डिग्री मिल चुकी है और अभी विपक्षी पार्टी को कैसे डिग्री मिल सकती है। हाथों में पत्थर लिए पहुंचे उग्र भीड़ के साथ कोर्ट के कर्मचारियों के बीच धक्का मुक्की हुई।
ग्राम प्रधान के साथ बातचीत करते कोर्ट के नाजिर व अन्य पुलिस पदाधिकारी
दोनों ओर से हुई धक्का मुक्की के बाद उग्र भीड़ को भारी पड़ता देख अपने बचाव में कोर्ट के कर्मचारियों ने लाठी एवं हाथों से ग्रामीणों पर वार कर दिया। इस दौरान ग्रामीण एवं कोर्ट के कर्मचारी दोनों पक्षों के लोग घायल हो गए। मौके पर मौजूद पटमदा, बोड़ाम एवं कमलपुर थाना के पुलिस कर्मियों तथा प्रतिनियुक्त पुलिस कर्मियों ने बीच बचाव किया अन्यथा यह रणक्षेत्र में तब्दील हो जाता। इस दौरान कुछ पुलिस कर्मियों को भी ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। पटमदा थाना प्रभारी करमपाल भगत व कमलपुर थाना प्रभारी अशोक कुमार के हस्तक्षेप के बाद करीब ढाई बजे के बाद मामला शांत हुआ।
घटना में ग्रामीण पक्ष के दो लोग लहूलुहान होने के बाद भीड़ और उग्र हो गया और पुलिस को भी बंधक बना लिया। इसके बाद एक महिला समेत 4 लोगों को पुलिस ने पटमदा के माचा स्थित सीएचसी अस्पताल में इलाज कराया। लेकिन शाम 6 बजे तक कोर्ट की टीम व पुलिस बंधक बनी रही। पुलिस द्वारा कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने पर सभी को छोड़ा गया। हो हंगामा के कारण जमीन की मापी का कार्य स्थगित कर दिया गया। सिविल कोर्ट के नाजिर धीरज कुमार ने आश्वासन दिया कि इस मामले में वह मदद करने के लिए तैयार हैं और तत्काल इस आदेश को रोकने की मांग पर कोर्ट में आवेदन करना होगा। घंटों शांत माहौल में बातचीत होती रही लेकिन ग्रामीण मारपीट के आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी कर रहे थे।
ग्राम प्रधान विभूति माझी का आरोप है कि कोर्ट से आए कर्मचारियों से जानकारी मांगने पर उन्हें दो थप्पड़ जड़ दिया। जबकि लाठी से एक महिला समेत 4 लोगों की पिटाई कर दी जिससे उन लोग घायल हो गए। उन्होंने कहा कि अगर पुलिस द्वारा उनकी पिटाई की जाती तो उन्हें दुःख नहीं होता बल्कि कोर्ट के कर्मचारियों द्वारा पिटाई की गई, जो गलत है। उन्होंने इस मामले में पुलिस से कानूनी कार्रवाई की मांग की है। घायलों में झाड़मणी माझी, रेवती माझी, सुनील माझी व महावीर माझी शामिल हैं। दूसरी ओर कर्मचारियों का आरोप है कि ग्राम प्रधान विभूति माझी के नेतृत्व में पत्थर और मिट्टी का ढेला लेकर आए ग्रामीणों ने उनलोगों को घेर लिया और सरकारी काम में बाधा डालने लगा, अपने बचाव के दौरान ही हाथों से पिटाई की गई थी। बाद में गलती का अहसास होने पर ग्रामीणों के बीच गलती को स्वीकारा भी गया है।