बोड़ाम में बासूली बाबा की वार्षिक पूजा कार्यक्रम में उमड़े श्रद्धालु, खुशहाली की कामना
Patamda : बोड़ाम प्रखंड अंतर्गत बोंटा – बोड़ाम मुख्य सड़क पर चिमटी गांव के समीप स्थित बाबा बासूली थान में हर साल की भांति इस साल भी क्षेत्र की सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना करते हुए पूजा अर्चना की गई। सुबह छह बजे से शुरू हुई पूजा अर्चना शाम तक जारी रही। इस दौरान करीब एक किमी तक दोनों ओर से श्रद्धालुओं की लंबी लाइनें लगी और व्रतियों ने शांतिपूर्ण तरीके से बासुली ठाकुर की आराधना की। इसमें लोगों ने अपने परिवार की सुख, शांति व समृद्धि की कामना करते हुए मन्नतें मांगी जबकि मन्नतें पूरी होने पर सैकड़ों लोगों ने बकरे, मुर्गी व कबूतर की बलि चढ़ाई। इसमें खास बात यह है कि इसके पुजारी पहाड़िया (आदिम जनजाति समुदाय) जाति से आते हैं और उनके द्वारा ही पूजा की जाती है।
मान्यता है कि मुख्य सड़क के किनारे स्थित पूजा स्थल पर शीश झुकाकर पार होने से संकट टल जाते हैं। इस देवता की पूजा साल वृक्ष के नीचे ही की जाती है, यहां किसी तरह का निर्माण या मंदिर में पूजा करने का नियम नहीं है। इसमें बोड़ाम प्रखंड के विभिन्न गांवों के अलावा पटमदा, जमशेदपुर, नीमडीह समेत आसपास के क्षेत्रों से हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। नियम के अनुसार यहां का प्रसाद महिलाएं ग्रहण नहीं करती हैं। साथ ही बलि का प्रसाद घर नहीं ले ले जा सकते हैं। इसलिए शनिवार को मंदिर के आसपास अलग-अलग जगहों पर लोगों ने प्रसाद तैयार कर ग्रहण किया। इसमें मुख्य पुजारी के रूप में डमन पहाड़िया हैं जबकि उनके सहयोगी के रूप में धनुराम पहाड़िया हैं। रविवार को बासुली देवी की पूजा होगी जो इस पूजा स्थल से कुछ दूरी पर हैं।
मौके पर पटमदा के विधायक प्रतिनिधि चन्द्रशेखर टुडू, झामुमो नेता छुटुलाल हांसदा, माणिक महतो व समाजसेवी शंकर कच्छप आदि शामिल हुए और बासुली ठाकुर से प्रार्थना की। शंकर कच्छप ने बताया कि सच्चे मन से प्रार्थना करने पर मनोकामना अवश्य पूरी होती हैं। हालांकि दोपहर के बाद बारिश के साथ ओला गिरने से श्रद्धालुओं को थोड़ी परेशानी हुई।