बनकुंचिया में लोक संस्कृति उत्सव का शुभारंभ कल, झारखंड और पश्चिम बंगाल की लोक संस्कृति का होगा संगम
Patamda: एक बार फिर लोक संस्कृति उत्सव के बहाने तबले की थाप, कलाकारों की सुरीली आवाज और नृत्यांगनाओं की मनमोहक प्रस्तुति से जीवंत होगा पश्चिम बंगाल सीमा से सटे पटमदा का बनकुंचिया गांव। टैगोर सोसाइटी फॉर रूरल डेवलपमेंट पटमदा प्रोजेक्ट के सहयोग से लोक संस्कृति उत्सव कमिटी द्वारा आयोजित दो दिवसीय लोक संस्कृति उत्सव का शुभारंभ शुक्रवार की शाम 5 बजे होगा। कमेटी की ओर से इसकी व्यापक तैयारियां की गई हैं।
उत्सव का उद्घाटन जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो एवं जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी करेंगे। उद्घाटन समारोह के गवाह बनेंगे लोक संस्कृति कमिटी के सदस्यों के साथ ही टैगोर सोसाइटी पटमदा के सभी कर्मी, स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधि, बुद्धिजीवी एवं गणमान्य लोग। उद्घाटन के पश्चात 6 बजे पाता नाच, विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम, मैजिक (जादू शो), योग- योगासन तथा स्वास्थ्य परिचर्चा, रात्रि 11 बजे से प्रसिद्ध गायिका चुमकी रानी (झाड़ग्राम) द्वारा झुमुर संगीत की प्रस्तुति दी जाएगी। दूसरे दिन यानी 12 अप्रैल को 6 बजे पुरस्कार वितरण के साथ पाता नाच तथा विभिन्न स्थानीय सांस्कृतिक कार्यक्रम, बाउल संगीत (राखी दासी कोलकाता) तथा अन्य कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। रात्रि में बेले नृत्य (कोलकाता प्रतिध्वनि बेले ग्रुप) एवं रात्रि 12 बजे से संताली ऑर्केस्ट्रा (डगर टुडू) के द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। उत्सव में मनोरंजन के साथ-साथ समाज जागरूकता पर भी ध्यान रखा जाएगा।
इसकी जानकारी देते हुए लोक संस्कृति उत्सव कमेटी के अध्यक्ष सह मुखिया गुरुचरण माझी ने बताया कि क्षेत्र के लोगों को इस उत्सव का बेसब्री से इंतजार रहता है। इस क्षेत्र के लिए यह लोकप्रिय कार्यक्रम है और इससे समाज में बेहतर संदेश जाता है। कमेटी के सदस्य सह टैगोर सोसाइटी के पूर्व चेयरमैन भीष्म नाथ महतो ने बताया कि पिछले करीब ढाई दशकों से जारी इस कार्यक्रम के प्रति लोगों में काफी उत्साह है।