सत्याग्रह के अंतिम दिन पटमदा में युवा समाजसेवी मुकुंद ने रखा निर्जला उपवास, समर्थन में आए दर्जनों लोग
Patamda : वाराणसी में चल रहे “न्याय के दीप जलाएं 100 दिनी सत्याग्रह” कार्यक्रम के समापन के दिन पटमदा निवासी युवा मुकुंद मुकुन्दर ने बेलटांड़ स्थित बाबा तिलका माझी की मूर्ति के समक्ष गुरुवार को निर्जला उपवास रखा।
इस संबंध में युवा नेता विश्वनाथ महतो ने कहा कि गांधी विरासत को बचाने के लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह के पहले चरण के आन्दोलन का समापन हुआ। स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए लोकतांत्रिक भारत की विरासत और शासन की मार्गदर्शिका- संविधान को बचाने के लिए 11 सितंबर से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर “न्याय के दीप जलाएं 100 दिनी सत्याग्रह था। आज सर्व धर्म प्रार्थना के साथ आज पूरे भारतवर्ष में जगह-जगह उपवास के मौके पर पूर्वी सिंहभूम के पटमदा स्थित बाबा तिलका माझी की मूर्ति के सामने छात्र युवा संघर्ष वाहिनी के सदस्य रहे मुकुंद मुकुन्दर ने एक दिवसीय निर्जला उपवास रखा।
100 दिनी सत्याग्रह के दौरान राजघाट पर भी उपवास रख चुके मुकुंद मुकुन्दर कहते हैं कि सर्व सेवा संघ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश की ऐतिहासिक धरोहर रही है। इस केंद्र का लाभ कई पीढ़ियों को मिलता रहा है जो लोकतंत्र, संविधान की गरिमा, अहिंसा, सत्य, सद्भाव और विश्व मानवता में भरोसा करते हैं। इस परिसर को गिराने का मतलब है, उपरोक्त आदर्शों पर हमला करना, लेकिन सत्ता के अहंकार में चूर केंद्र व राज्य सरकार के बुलडोजर की असंवैधानिक नीति तथा पूंजीपतियों के लिए मुनाफा सुनिश्चित के हथकंडों को अपनाकर गैर कानूनी तरीके से बिना किसी अदालती आदेश के महात्मा गांधी, विनोबा भावे, जयप्रकाश नारायण आदि महान व्यक्तियों द्वारा निर्मित भवनों को ध्वस्त कर दिया।
उन्होंने इस असंवैधानिक कदम की निंदा करते हुए आगे भी सर्व सेवा संघ के पुनर्निमाण हेतु चलाए जाने वाले आन्दोलन से जुड़ने का संकल्प लिया। उनके समर्थन में जितुलाल मुर्मू, विश्वनाथ महतो, आशुतोष महतो, माणिक बेसरा, जयराम महतो, चंदन महतो, असित महतो, सनातन दास, लालमोहन महतो, विकास महतो, रंजन दास, शिवशंकर महतो, घासीराम एवं दर्जनों ऑटो चालक शामिल थे।