केसीसी के तहत किसानों को मिल सकता है 5 लाख तक का लोन, केंद्रीय बजट में बढ़ायी जा सकती है लिमिट, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार करने का लक्ष्य
National Desk : केंद्रीय बजट 1 फरवरी 2025 को संसद में पेश किया जाएगा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बजट में मोदी सरकार के अगले कुछ सालों के लिए रोडमैप पेश करेंगी जिसके साथ देश के करोड़ों लोगों की अपेक्षाएं जुड़ी हुईं हैं। केंद्र सरकार के सामने करोड़ों उम्मीदों को पूरा करने के लिए इस बजट में काफी संभावनाएं हैं। अब इसी कड़ी में किसान क्रेडिट कार्ड की उधारी लिमिट को लेकर भी अच्छी खबर आई है।
वित्त मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि किसान क्रेडिट कार्ड के तहत उधार की सीमा जल्द ही 5 लाख रुपये की जा सकती है जो फिलहाल 3 लाख रुपये है। अभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 3 लाख रुपये तक का उधार मिलता है जिसकी लिमिट इस बजट में बढ़कर 5 लाख रुपये तक जा सकती है। बजट में सरकार 3 लाख रुपये की क्रेडिट लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की योजना बना रही है। बिजनेस स्टैंडर्ड की एक खबर के मुताबिक ये सूचना मिली है।
सरकार के पास किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ाने की मांग लगातार आती रहती है और केसीसी की उधारी की सीमा काफी पहले बढ़ाई गई थी। पिछली बार से ये 3 लाख रुपये पर ही है। किसान क्रेडिट कार्ड पर उधारी की सीमा 3 लाख से बढ़कर 5 लाख रुपये करने का विचार इसलिए सरकार के सामने है क्योंकि इससे किसानों खासकर छोटे व सीमांत किसानों की मदद होगी और इसके बाद रूरल डिमांड यानी ग्रामीण मांग में भी इजाफा देखा जा सकता है जिसके जरिए गांवों की अर्थव्यवस्था में भी सुधार देखा जाएगा।
क्या है किसान क्रेडिट कार्ड : किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना भारत सरकार की एक योजना है। इसके तहत किसानों को खेती के कामों के लिए समय पर और पर्याप्त उधार दिया जाता है। इस योजना के तहत किसानों को कई तरह के फ़ायदे मिलते हैं-
किसान एक ही जगह से कई तरह की कृषि जरूरतों के लिए लोन ले सकते हैं और आवेदन प्रक्रिया आसान है। किसानों को 2 प्रतिशत की ब्याज़ छूट और 3 प्रतिशत का क्विक रीपेमेंट इंसेटिव दिया जाता है। सरकार किसानों को ब्याज पर 2 प्रतिशत की छूट देती है। समय से लोन चुकाने वाले किसानों के ब्याज में बतौर प्रोत्साहन 3 प्रतिशत की कमी और कर दी जाती है। इस तरह किसानों को सालाना 4 प्रतिशत दर पर कर्ज मिल जाता है। किसानों को फसल बीमा, दुर्घटना बीमा, स्वास्थ्य बीमा, और परिसंपत्ति बीमा का कवर मिलता है। कृषि ऋण समय पर चुकाने पर ब्याज़ दर में कमी का लाभ मिलता है।