डिमना लेक हादसा: दोस्ती छुड़ाने के लिए दूसरे स्कूल में कराया एडमिशन, फिर भी नहीं छूटी और दोस्ती ने ही ले ली जान
प्रतीक रजक (फाइल फोटो)
Patamda: बोड़ाम थाना क्षेत्र के डिमना लेक में सोमवार को नहाने के क्रम में गहरे पानी में डूबे प्रतीक के पिता जयंत रजक ने बताया कि वह दो भाइयों में बड़ा था और आठवीं कक्षा तक केएसएमएस स्कूल में पढ़ाई की थी। वहां उसके काफी दोस्त बन गए थे इसलिए पढ़ाई में बुरा असर पड़ रहा था। उसकी दोस्ती छुड़ाने के लिए ही आरवीएस एकेडमी में 9वीं में एडमिशन कराया। सोमवार की शाम को जब मानगो में ट्यूशन नहीं हुआ तो उसने कहा कि पापा दोस्तों के साथ घूमने जाएंगे। मना करने के बावजूद जल्दी लौट आने की बात कहकर मानगो से अबीर गोराई की स्कूटी में बैठकर कहां गया, पता नहीं चला, देर रात को सूचना मिली कि दो बच्चे डिमना लेक में डूबे हैं। अगर उसका ट्यूशन छुट्टी नहीं रहता तो वह साढ़े 7 बजे तक वहीं रहता और पिता के साथ घर लौटता, यह हादसा नहीं होता। हालांकि होनी को कौन टाल सकता था।
डिमना लेक घूमने के लिए निकले 6 बच्चों में 5 रामकृष्ण कॉलोनी मानगो निवासी थे जबकि प्रतीक अकेला बालीगुमा का। अबीर गोराई से ही प्रतीक की दोस्ती थी। अन्य साथी रोहन, विशाल, निशांत व नितिन से उसकी जान पहचान भी नहीं थी।
नहाने के मकसद से नहीं, घूमने आए थे
नितिन व प्रतीक के साथ नहाने आए चारों दोस्त मंगलवार को चिंतित मुद्रा में।
Patamda: डिमना लेक में डूबे नितिन गोराई व प्रतीक रजक के साथ आए चारों बच्चों निशांत, अबीर, रोहन व विशाल ने बताया कि उन लोग इससे पहले 2 बार घूमने आए थे। सोमवार को भी नहाने के मकसद से नहीं बल्कि घूमने आए थे। नहाने के पहले सभी फोटो शूट किए। फिर बगल में नहा रहे 8-10 लोगों को नहाते देखकर उन लोगों को भी नहाने का मन हुआ और पैंट शार्ट खोलकर तालाब में उतरा। मना करने के बावजूद मस्ती करने के लिए नितिन व प्रतीक अंदर चला गया और गहरे पानी में समा गया। इसके बाद उन लोगों ने स्थानीय मछुआरों की मदद से बचाने का प्रयास भी किया लेकिन सफल नहीं हो सका। स्थानीय लोगों ने डिमना लेक में सुरक्षा के उपाय करने की मांग स्थानीय प्रशासन व टाटा स्टील से की है।
कॉलेज जाने वाला था नितिन, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था
नितिन गोराई (फाइल फोटो)
Patamda: मानगो रामकृष्ण कॉलोनी निवासी शिबू गोराई का पुत्र नितिन चांडिल पॉलिटेक्निक कॉलेज का छात्र था और सोमवार को ही कॉलेज जाने वाला था लेकिन घर में कहा था कि मंगलवार को जाएंगे। शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। उसके ईचागढ़ निवासी नानाजी ने बताया कि वह अपने माता-पिता का चौथी संतान था। पहले के एक बेटा और बेटी के जन्म लेने के बाद ही मौत हो गई थी। नितिन का जन्म प्रीमेच्योर होने की वजह से 10 लाख से अधिक खर्च करके उसे बचाया गया था। अधिकांश समय उसका ननिहाल में ही बीता और उसके मामाजी (शिक्षक) ही परवरिश किए थे। वह बहुत ही अच्छे व्यवहार का लड़का था, यही वजह है कि कॉलोनी के अधिकांश लोग घटना की सूचना पाकर डिमना लेक पहुंचे थे।
डिमना लेक में नितिन के शव के आने की प्रतीक्षा में उसके पिता, नानाजी व अन्य परिजन।
स्थानीय निवासी शिक्षक चैतन मुर्मू ने बताया कि कुटिमाकली में यह पहली घटना है। इससे पूर्व गेट के आसपास ही काफी लोगों के डूबने की घटना हुई थी लेकिन पहली बार दो की मौत यहां डूबने से हुई। बताते हैं कि लॉकडाउन के बाद से ही इस क्षेत्र (टापू) में युवाओं का आना-जाना शुरू हुआ। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा कई बार मना करने के बावजूद लोग इधर आते हैं। इस संबंध में ग्रामीणों द्वारा सख्त कदम उठाया जाएगा ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो। इस घटना से उन्हें भी काफी दुःख है।