पटमदा में ओलावृष्टि ने मचाई तबाही, किसान मांग रहे मुआवजा
Patamda : पटमदा एवं बोड़ाम क्षेत्र में शुक्रवार की शाम को हुई ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई है। खासकर सब्जियों की तैयार फसलें बर्बाद होने से किसानों को करोड़ों का नुकसान हुआ है। पटमदा के लच्छीपुर निवासी किसान अमल कांत महतो ने बताया कि क्षेत्र में पहली बार ऐसी ओलावृष्टि हुई, नजारा ऐसा लग रहा था जैसे हम कश्मीर में बर्फबारी देख रहे हैं। शनिवार की सुबह खेतों में पहुंचने पर नुकसान का अंदाजा हुआ। उन्होंने बताया कि 10 बीघा जमीन पर तरबूज की खेती की गई थी जो लगभग तैयार भी हो चुका था, अगले 15 दिनों में बाजारों में भेजने की तैयारी थी। खेती में करीब डेढ़ लाख खर्च किया था लेकिन अब वहां से एक रुपया भी नहीं रिटर्न नहीं आने वाला है।
लावा निवासी तपन गोराई व लक्ष्मीकांत गोराई ने मिलकर 7 एकड़ में ढाई लाख रुपए खर्च करके खीरा की खेती की थी जो ओलावृष्टि के कारण पूरी तरह से नष्ट हो गई। तपन बताते हैं कि इस साल पहले तो टमाटर की कम कीमत ने मारा और अब प्रकृति की मार ने चिंता में डाल दिया है। वे समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर बैंक का केसीसी लोन एवं महाजन से ली गई उधार की राशि को कैसे चुकाएं। उन्होंने विधायक प्रतिनिधि चन्द्रशेखर टुडू को मामले की जानकारी देते हुए मुआवजा दिलाने की मांग की है।
चाड़रीकोल गांव में निर्मल महतो की 4 एकड़ जमीन पर की गई टमाटर की खेती बर्बाद हो गई। जबकि यहां के गोकुल रजक, अंकुर रजक व अनिल महतो के मकानों में एस्बेस्टस उड़ जाने से वे बेघर हो गए हैं। चुड़दा गांव के रंजीत गोराई ने आलू, खरबूजा, गरमा धान व लौकी की खेती की थी, इसके बर्बाद होने से लाखों का नुकसान हुआ है। क्षेत्र के बांसगढ़, कुइयानी, बोड़ाम, आगुईडांगरा समेत दर्जनों गांवों में प्रत्येक बड़े किसानों को एक लाख से अधिक का नुकसान हुआ है जो अब सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। लच्छीपुर गांव के किसान अमल कांत महतो, लक्ष्मण महतो, बिमल कांत महतो, आह्लाद महतो व सत्यनारायण महतो व अन्य किसानों ने बताया कि उन लोगों ने दिनभर नुकसान का आकलन किया एवं सोमवार को पटमदा अंचल कार्यालय में मुआवजा के लिए आवेदन देंगे। क्षेत्र में खासकर गेहूं, तरबूज, खीरा, खरबूजा, टमाटर, गोभी, लौकी, भिंडी आदि की फसलें पूरी तरह प्रभावित हुई है।
प्रखंड के सुदूरवर्ती लच्छीपुर, गोबरघुसी व जोड़सा पंचायत में कई जगहों पर पेड़ की डाली टूटकर गिरने से बिजली की आपूर्ति शनिवार की देर शाम तक ठप्प रही।