शिक्षकों ने काला बिल्ला लगा किया मूल्यांकन, पीजीटी – टीजीटी संवर्ग पुनर्बहाली की मांग
Jamshedpur : झारखण्ड +2 शिक्षक संघ के तत्वावधान में पूर्वी सिंहभूम जिले के सरकारी विद्यालयों के पीजीटी शिक्षकों, इंटर कॉलेज के प्राध्यापकों एवं अन्य शिक्षकों ने मंगलवार को पूर्वी सिंहभूम जिले के तीनों इंटरमीडिएट मूल्यांकन केंद्रों पर अनुशासन का पालन करते हुए सरकार द्वारा हाल में टीजीटी – पीजीटी संवर्ग के पदों को मरणशील घोषित करने के फैसले से असहमति प्रकट करते हुए काला बिल्ला लगाकर मूल्यांकन कार्य किया।
इस दौरान शिक्षकों ने छात्र एवं समाज हित में सरकार से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। सरकार ने हाल ही में कैबिनेट में निर्णय लेते हुए पीजीटी -टीजीटी संवर्ग को मरणशील घोषित करते हुए उसके स्थान पर निम्न वेतनमान में माध्यमिक आचार्य का संवर्ग सृजित किया है, इस प्रकार +2 विद्यालयों में पढ़ाने के लिए नियुक्त होने वाले पीजीटी शिक्षकों के स्थान पर सिर्फ माध्यमिक आचार्य पद का सृजन कर उनसे ही पीजीटी एवं टीजीटी शिक्षक की भूमिका निर्वहन करने की उम्मीद करना हास्यास्पद निर्णय लगता है। सरकार को कम से कम माध्यमिक आचार्य की भांति उच्च माध्यमिक आचार्य का पद भी सृजित करना चाहिए ताकि झारखण्ड के बच्चों के हित में शिक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित होती रहे। केवल उच्च विद्यालय के माध्यमिक आचार्य के सहारे इंटरमीडिएट स्तर तक की शिक्षा व्यवस्था का संचालन असंभव है, क्योंकि देश के किसी भी बोर्ड में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। सरकार को इन्हीं बातों से अवगत कराने हेतु संघ द्वारा चलाए गए राज्यव्यापी आंदोलन के तहत पूर्वी सिंहभूम जिले के तीनों इंटरमीडिएट मूल्यांकन केंद्रों, गुरु नानक उच्च विद्यालय साकची, साकची उच्च विद्यालय साकची एवं भारत सेवाश्रम उच्च विद्यालय, सोनारी में मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों एवं अन्य संबंधित व्यक्तियों ने काला बिल्ला लगाकर मूल्यांकन किया एवं सरकार से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
आंदोलन में मुख्य रूप से डॉ. मिथिलेश कुमार, बृजभूषण झा, उदित नारायण, मिथिलेश कुमार, पंकज कुमार गिरी, विभीषण गोराई, नीतू शर्मा, प्रमोद कुमार अग्रवाल, सुजीत कुमार सेठ, सुनीता शर्मा, भारती कुमारी, संदीप कर, सुब्रतो गुलियार, आशा गुप्ता, सपना मिश्रा व सुनीता कुमारी आदि शामिल थे।