ऐतिहासिक डुलडू डूंगरी का 14 करोड़ की लागत से होगा विकास, माचा में 2 करोड़ से बनेगा वन विश्रामागार
Advertisements
Advertisements
WhatsApp Image 2024-10-10 at 09.32.57
WhatsApp Image 2024-10-10 at 09.32.58 (1)
WhatsApp Image 2024-10-10 at 09.32.58
WhatsApp Image 2024-10-10 at 17.03.18
WhatsApp Image 2024-10-10 at 17.03.19
WhatsApp Image 2024-10-10 at 17.05.51
WhatsApp Image 2024-10-10 at 17.14.26
WhatsApp Image 2024-10-10 at 18.21.09
WhatsApp Image 2024-10-10 at 18.21.33
Advertisements
WhatsApp Image 2024-10-10 at 09.32.57
WhatsApp Image 2024-10-10 at 09.32.58 (1)
WhatsApp Image 2024-10-10 at 09.32.58
WhatsApp Image 2024-10-10 at 17.03.18
WhatsApp Image 2024-10-10 at 17.03.19
WhatsApp Image 2024-10-10 at 17.05.51
WhatsApp Image 2024-10-10 at 17.14.26
WhatsApp Image 2024-10-10 at 18.21.09
WhatsApp Image 2024-10-10 at 18.21.33
Advertisements
Patamda : राज्य सरकार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से स्वीकृत योजना के तहत बोड़ाम प्रखंड के रूपसान गांव स्थित ऐतिहासिक धरोहर डुलडू डूंगरी का 14 करोड़ की लागत से पर्यटन स्थल के रूप में विकास होगा। जबकि पटमदा के माचा मथुरापुरी जंगल में 2 करोड़ रुपये से स्वीकृत वन विश्रामागार का निर्माण कार्य होगा। दोनों योजनाओं का शिलान्यास जुगसलाई विधायक मगंल कालिंदी ने गुरुवार को नारियल फोड़कर किया।
Advertisements
Advertisements
इस दौरान रूपसान में विधायक ने कहा कि डुलडू डूंगरी का इतिहास 138 वर्ष पुरानी है। यहां के ग्राम प्रधान सह शिक्षाविद विश्वनाथ सिंह सरदार से जानने के बाद उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर योजना की स्वीकृति दिलाई। महाअष्टमी के मौके पर इस ऐतिहासिक कार्य का शुभारंभ किया गया। उन्होंने कहा कि कोल्हान के प्रसिद्ध हाथीखेदा मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को भी इस पर्यटन स्थल का लाभ मिलेगा। विधायक ने कहा कि माचा अस्पताल के सामने वन विश्रामागार बन जाने से मरीजों के साथ अस्पताल आने वाले लोगों को ठहरने की सुविधा मिलेगी।
Advertisements
Advertisements
मौके पर वन क्षेत्र पदाधिकारी दिग्विजय कुमार सिंह, विश्वनाथ सिंह सरदार, माणिक महतो, चंद्रशेखर टुडू, सुभाष कर्मकार, काजल सिंह, रूप नारायण मोदक, सुधीर चंद्र टुडू व जीतूलाल मुर्मू आदि उपस्थित थे।