प्रशासनिक हस्तक्षेप से 40 दिनों बाद खुला केंदडीह आंगनबाड़ी केंद्र का ताला
Patamda: पटमदा की दिघी पंचायत के केंदडीह आंगनबाड़ी केंद्र में सहायिका चयन से उत्पन्न विवाद के कारण बीते बंद ताले को करीब 40 दिनों बाद सीओ डॉ. राजेंद्र कुमार दास ने फिलहाल खुलवा दिया। आंगनबाड़ी केंद्र के जमीनदाता परिवार के सदस्य एवं ग्रामीणों द्वारा संयुक्त रूप से बीते 8 मई को तालाबंदी की गई थी। जिससे बच्चों के पठन-पाठन एवं मध्याह्न भोजन आदि जरूरी कार्य सेविका के घर पर ही चल रहा था।
इस मामले में सेविका एवं सहायिका द्वारा शिकायत किए जाने पर धालभूम एसडीओ के निर्देशानुसार पटमदा के सीओ डॉ. राजेंद्र कुमार दास ने मंगलवार को पटमदा थाना प्रभारी करमपाल भगत, प्रखंड प्रमुख बालिका सोरेन, दिघी पंचायत के मुखिया व ग्रामीणों के साथ एक बैठक की। इसके बाद आंगनबाड़ी केंद्र का ताला खुलवा दी गई। सीओ द्वारा पूछने पर जमीनदाता सरस्वती महतो, सविता महतो, भरत महतो व बेला रानी महतो आदि ने बताया कि उनके परिवार की ओर से 16 डिसमिल जमीन स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र के लिए दी जा चुकी है। उसके परिवार में एक सहायिका पद के लिए उम्मीदवार थी, गांव वाले सभी इस पर सहमत भी थे किंतु आमसभा में जब चयन की बारी आई तो सहायिका पद के लिए कुछ अन्य ग्रामीण द्वारा भी आवेदन समर्पित किया गया। इस परिस्थिति में सीडीपीओ द्वारा रोस्टर के अनुसार चयन करने पर विचार किया जा रहा था। ग्रामीणों का कहना है कि यहां आवेदकों में चयनित सहायिका के नाम की घोषणा आम सभा में नहीं की गई और बाद में उसकी सूची बनाकर जिला में भेज दी गई। जिसमें एक ही परिवार से सेविका व सहायिका चयन किए जाने से जमीनदाता परिवार के सदस्य लाभ से वंचित रह गए। ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में किए गए चयन प्रक्रिया को रद्द कर पुनः जमीनदाता परिवार से सहायिका का चयन किया जाय अन्यथा उनलोग पुनः आंदोलन करने को बाध्य होंगे।