अलकतरा फैक्ट्री में टैंक ब्लास्ट मामले में उप मुखिया विनोद सिंह के बयान पर बोड़ाम थाना में प्राथमिकी
(फाइल फोटो)
एफआईआर के बाद नोटिस मिलते ही मचा हड़कंप, कोर्ट का आदेश आने तक बंद रहेगी फैक्ट्री
Patamda: बोड़ाम प्रखंड की बोंटा पंचायत के मिर्जाडीह गांव स्थित एसटीपी लिमिटेड कंपनी में गुरुवार को पर्यावरण दिवस की शाम हुए विस्फोट और जहरीली गैस के रिसाव के मामले में बोड़ाम थाने में कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। यह मामला बोंटा पंचायत के उप मुखिया विनोद सिंह ने शनिवार को ही दर्ज कराया है, जिसमें कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर, जीएम एस रविंद्र नाथ और मुख्य प्रवक्ता सुभाष भट्टाचार्य के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज हुई है।
सूत्रों का कहना है कि प्राथमिकी दर्ज होने के पश्चात कंपनी को नोटिस मिलते ही हड़कंप मच गया है और कंपनी की ओर से दिल्ली के वकील को इस मामले में लगाया गया है। कंपनी के वकील ने इस मामले में रविवार को बोड़ाम थाना पहुंचकर पुलिस अधिकारियों से बात भी की। पुलिस की ओर से सख्त निर्देश देते हुए कहा गया है कि जब तक कोर्ट का आदेश नहीं जारी होता है तब तक फैक्ट्री बंद रहेगी।
इस संबंध में उप मुखिया विनोद सिंह ने कहा कि 5 जून की शाम को कंपनी परिसर में स्थित 20 टन क्षमता वाले अलकतरा टैंक में तेज तापमान के कारण विस्फोट हो गया था। विस्फोट के बाद भारी मात्रा में जहरीली गैस का रिसाव हुआ, जिससे आसपास की बस्ती में हड़कंप मच गया। उन्होंने सामूहिक शिकायत के आधार पर कहा कि स्थानीय लोगों का आरोप है कंपनी इको सेंसिटिव जोन में चल रही थी और प्रदूषण फैलाने के कारण डिमना नाला प्रदूषित हो गया है। कंपनी के अधिकारियों पर स्वास्थ्य और पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचाने, लापरवाही बरतने और संवेदनशील क्षेत्र में बिना वैध दस्तावेजों के कंपनी संचालन का आरोप लगाया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कंपनी को तत्काल बंद करवा दिया है। प्रशासन ने आदेश दिया है कि जब तक कोर्ट का आदेश नहीं मिलता, तब तक कंपनी का संचालन नहीं किया जाएगा।
सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता दीपक रंजीत ने कहा कि कंपनी का घर जिम्मेदाराना रवैया बर्दाश्त से बाहर है। डिमना नाला का पानी पहले लोग पीया करते थे। गर्मी के समय हर रात 3 महीना दलमा के हाथी यहां रहते थे। अलकतरा फैक्ट्री की गंदगी फैलाया जाने के कारण यह नाला आज नाली में तब्दील हो गया है, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? अधिकारियों की जवाबदेही तय करना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाना आवश्यक है। हमें उम्मीद है कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और क्षेत्र के निवासियों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा की जाएगी।