बोड़ाम में पिकअप वैन की चपेट में आने से बाइक सवार युवक की मौत, दो घायल
मनोरंजन सिंह (फाइल फोटो)
Patamda : बोड़ाम थाना क्षेत्र अंतर्गत आमझोर गांव के पास हुई सड़क दुघर्टना में एक युवक की घटनास्थल पर मौत हो गई जबकि दो अन्य घायल हो गए। घटना गुरुवार की रात करीब 8 बजे बोड़ाम-रघुनाथपुर मुख्य सड़क के बीच हुई। पिकअप वैन अन्य दिनों की भांति शाम को जमशेदपुर से ढलाई पार्टी में शामिल मजदूरों को लेकर पश्चिम बंगाल के माड़ाईडीह लौट रहा था।
वैन का हेडलाइट खराब होने की वजह से सिंगल (बाएं वाला) लाइट में ही उसका चालक गाड़ी को लेकर लौट रहा था कि विपरीत दिशा से आ रही बाइक वैन से टकरा गई। इससे बीच में सवार एक युवक के सिर पर गंभीर चोट लगी और सिर से काफी रक्तस्राव हुआ। घटना के बाद पिकअप वैन को लेकर उसका चालक भागने लगा। इसकी सूचना मिलने पर स्थानीय लोगों ने बोड़ाम पुलिस को सूचना दी।
नीमडीह के भाजपा मंडल अध्यक्ष विपुल सिंह, पद्मलोचन सिंह व यदुनंदन प्रमाणिक की मदद से पुलिस ने करीब 5 किमी दूर लालडीह गांव से वैन को जब्त कर लिया। बताते हैं कि उसका चालक फरार हो गया था जबकि गाड़ी में मौजूद एक व्यक्ति को जरूरी पूछताछ के लिए पुलिस ने हिरासत में रखा है। मृतक की पहचान सरायकेला – खरसावां जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत सामानपुर टोला चिरुगोड़ा निवासी मनोरंजन सिंह (21) के रूप में हुई है। जबकि घायल युवकों प्रभात प्रमाणिक व मोनू सिंह भी चिरुगोड़ा के ही निवासी हैं। सूत्रों के मुताबिक तीनों युवक गुरुवार को एक बाइक पर सवार होकर पश्चिम बंगाल के बलरामपुर थाना क्षेत्र के सालबनी गांव में आयोजित भैंसा लड़ाई (काड़ा लड़ाई) देखने गए थे। मेला के बाद अपने रिश्तेदार के यहां भोजन करने के पश्चात तीनों शाम को अपने घर लौट रहे थे। घटना के बाद मनोरंजन के दोनों साथी उसे गंभीर हालत में छोड़कर फरार हो गए थे हालांकि घटना की सूचना लोगों को उन दोनों ने ही दी थी। पुलिस द्वारा घटना की प्राथमिकी दर्ज करने के पश्चात शुक्रवार को ही पोस्टमार्टम कराया जाएगा। मृतक के परिजन बोड़ाम थाना पहुंच चुके हैं। दुर्घटना में शामिल पिकअप वैन माड़ाईडीह निवासी सनातन महतो की बताई जाती है।
3 भाइयों में छोटा था मनोरंजन, 10 दिनों पूर्व ही लौटा था घर
इस संबंध में समाजसेवी पद्मालोचन सिंह ने बताया कि मनोरंजन तीन भाइयों में सबसे छोटा था। वह आंध्रप्रदेश में बोरवेल गाड़ी में मजदूरी करता था और पिछले 10 दिनों पूर्व ही घर लौटा था। इस घटना के बाद परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। बताते हैं कि वह अपने माता पिता का बहुत बड़ा सहारा था। उसे 25 हजार रुपए मासिक वेतन मिलता था।