मकर संक्रांति की तैयारी जोरों पर, पटमदा में धान की कुटाई के लिए रतजगा कर रहे हैं ग्रामीण
मंगलवार को पटमदा के चड़कपाथर गांव स्थित चक्की में अपनी बारी का इंतजार करते ग्रामीण।
Patamda: इस वर्ष मकर संक्रांति का त्योहार को 14 जनवरी को है यानी सिर्फ 6 दिन ही बाकी है और इसमें गुड़ पीठा या अन्य पकवान के लिए नए चावल की जरूरत होती है। अपने खेतों से धान को घर लाने के बाद प्रत्येक किसान परिवारों द्वारा चावल तैयार करने के पूर्व की विधि (उबाल कर सुखाना) को तो घरों में पूरा कर लिया गया है लेकिन अब धान की कुटाई की चिंता है। इसके लिए चक्की में न सिर्फ लाइन लगाना पड़ रहा है बल्कि कड़ाके की इस ठंड के बावजूद देर रात तक लोगों को अपनी बारी की प्रतीक्षा में बैठे रहना पड़ रहा है।
मंगलवार को पटमदा के चड़कपाथर गांव स्थित झामुमो नेता समीर महतो की चक्की में एक दर्जन से अधिक किसानों को देखा गया। पूछने पर कुछ लोगों ने बताया कि उनलोग कल रात को ही धान लेकर आए थे और आज शाम 5 बजे तक नंबर नहीं आया। लाइन में लगे तिलाबनी के ग्राम प्रधान भरत बेसरा ने बताया कि झारखंड का महापर्व मकर संक्रांति व टुसू का त्योहार नजदीक है और उसके लिए जरूरी चावल तैयार नहीं होने से कैसे पर्व मनाएंगे इसलिए कल रात से ही अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि कल रात को 11 बजे बंद हुआ मशीन और आज रात 3 बजे से चल रहा है लेकिन भीड़ के कारण प्रतीक्षा सूची लंबी हो गई है। कुछ इसी तरह की भीड़ पटमदा, बेलटांड़, कामारडीह, लावा, लोवाडीह, दिघी, बोड़ाम, काटिन, बांसगढ़ समेत अधिकांश गांवों में चल रही है।