पटमदा में संथाल समाज को जगाने पहुंचे चंपई सोरेन ने की प्रतिनिधियों के साथ बैठक, कहा – बांग्लादेशी घुसपैठ और धर्मांतरण से आदिवासी समाज का अस्तित्व खतरे में
Patamda: बांग्लादेशी घुसपैठ और आरक्षण के मुद्दे पर संथाल समाज को जगाने पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने शनिवार को पटमदा के बामनी स्थित एक लाइन होटल में समाज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। एक दिन पूर्व ही पटमदा में आयोजित माझी परगना महाल के सम्मेलन में राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जहां केंद्र सरकार से सरना धर्म कोड लागू करने की मांग पर एकजुट होकर आंदोलन करने का आह्वान किया था वहीं पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि पहले सरना धर्म मानने वाले संथाल समाज को बचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह संथाल समाज को जागरूक करने के लिए एक अभियान शुरू किया है और उसके अस्तित्व को बचाने के लिए पूरे प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। एक सवाल के जवाब में चंपई ने कहा कि सरना धर्म कोड को 1961 में उसी कांग्रेस पार्टी ने सरकार में रहते बाहर किया था जिसके साथ आज झारखंड मुक्ति मोर्चा सरकार चला रहा है। इतिहास गवाह है कि आदिवासियों पर गोली चलवाने का काम कांग्रेस की सरकार ने ही किया था था।
उन्होंने कहा कि आज एक प्रतिनिधि के साथ दूरभाष पर हुई बातचीत के बाद साधारण बैठक में ही दर्जनों की संख्या में समाज के लोग उनसे मिलने पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द पटमदा में एक विशाल सामाजिक सम्मेलन आयोजित कर लोगों को यह बताया जाएगा कि किस तरह से पूरे प्रदेश में बांग्लादेशी घुसपैठिए आदिवासियों का हक मार रहे हैं। उन्होंने कहा सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट राय है कि धर्म परिवर्तन के बाद आदिवासियों को मिलने वाला आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता है। हेमंत सोरेन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ईसाई धर्म अपना चुके आदिवासियों को आरक्षण देकर हक मार रही है। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन करने वाले लोग आदिवासियों की रूढ़ि वादी प्रथा को नहीं मानते एवं उनकी जीवनशैली बदल जाती है इसलिए आरक्षण का हकदार अल्पसंख्यक आदिवासी नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में बांग्लादेशी घुसपैठ और धर्म परिवर्तन का खेल चल रहा है जिसका प्रमाण मंईयां सम्मान योजना में भी देखने को मिल रहा है। फर्जी लाभुक के तौर पर विशेष समुदाय के लोग घाटशिला के हेंदलजूडी पंचायत में लाभ उठा रहे हैं जबकि उस समुदाय का एक भी परिवार उस गांव में नहीं रहते। योग्य लाभुकों को तरह तरह के बहाने बनाकर दौड़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज एक शादी समारोह में शामिल होने के क्रम में लोगों को जगाने पहुंचे हैं ताकि एक जन आंदोलन खड़ा हो सके और सत्ता में बैठे लोगों से लोग सवाल कर सकें। मौके पर जिला पार्षद प्रदीप बेसरा, दिवाकर टुडू, हरिहर टुडू, चुनाराम टुडू, धर्मु किस्कू, अनिल बेसरा, उदय मुर्मू, गणेश हांसदा, सुरेंद्र हांसदा के अलावा भाजपा नेता प्रदीप कुमार महतो, कृपासिंधु महतो व बासुदेव मंडल समेत दर्जनों लोग मौजूद थे।