विश्व मातृभाषा दिवस पर ललित कला, पारंपरिक कला संस्कृति, जनजाति एवं क्षेत्रीय मातृ भाषाओं के संरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
Patamda: शहीद स्मारक समिति, झारखंड भाषा संघर्ष मंच, बोधि सोसायटी, झारखंड लोक कला साहित्य संगीत अकादमी, झारखंड कौमी एकता मंच, मुक्त मंच एवं एनवाईएसटी के संयुक्त तत्वावधान में विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री के नाम पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया।
इस संबंध में शहीद स्मारक समिति के सदस्य विश्वनाथ महतो ने बताया कि कि हमारे राज्य में भी अन्य राज्यों जैसे कला परिषद का गठन किया जाए। जिसमें ललित कला अकादमी, लोक साहित्य अकादमी एवं लोक संगीत नाटक अकादमी होंगे। बताते हैं कि झारखंड एक आदिवासी बहुल एवं बहुभाषी राज्य है जैसे संताली, मुंडारी, हो, कुड़ुख, खाड़िया, कुड़मालि, नागपुरी, खोरठा, पंचपरगनिया आदि मातृ भाषाओं को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। यहां की जनजातियों के कला लोक साहित्य, संगीत एवं इन भाषाओं में आदिम संस्कृति का मौलिक उपादान आज भी संचित है। इसके संरक्षण एवं विकास सिर्फ राज्य के ही नहीं देश के धरोहर को भी लाभ पहुंचा सकता है। यह अमूल्य संपदा और संभावना नष्ट हो जाने के पहले ही इसका संरक्षण और विकास के लिए अकादमी स्थापित कराने को लेकर आज उपायुक्त के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया है।
मौके पर विश्वनाथ महतो, गौतम कुमार बोस, सुनील विमल, अनिमा बोस, हाराधन प्रामाणिक, देवाशीष मुखर्जी, नासिर खान व प्रणब नाहा आदि मौजूद थे।