पॉलिटिकल कॉन्ट्रोवर्सी: मरांडी के बयान पर झामुमो नेता पिंटू दत्ता का पलटवार, कहा: काश! सत्ता में रहते उन्हें विधवा पेंशन की चिंता होती
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी व झामुमो नेता पिंटू दत्ता।
Jamshedpur: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की ओर से सोमवार को जारी एक बयान पर झामुमो के पूर्वी सिंहभूम जिला उपाध्यक्ष पिंटू दत्ता ने पलटवार किया है।
उन्होंने कहा कि बाबूलाल मरांडी जी की चिंता जायज है और उन्होंने बिल्कुल सही मुद्दा उठाया है क्योंकि हमारी विधवा माताओं -बहनों की स्थिति आज बेहद दयनीय और चिंताजनक हो गई है। विधवा पेंशन, जो उनके जीवन का एकमात्र सहारा है पिछले 5-6 महीनों से बंद है।
लेकिन मरांडी जी को बयान देने के पूर्व यह पता लगाना चाहिए था कि राज्य संपोषित सर्वजन पेंशन योजना के तहत सभी तरह की पेंशन का भुगतान नवंबर माह तक का हो चुका है। जबकि राष्ट्रीय वृद्धावस्था, विधवा पेंशन जो केंद्र और राज्य सरकार मिलकर देती है, उसका बकाया है और उसके लिए केंद्र सरकार ही दोषी है। क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा अपने हिस्से की 60 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को नहीं भेजी गई है।
इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ हमला बोलने की बजाय मरांडी जी को देश के पीएम नरेंद्र मोदी से बात करते हुए केंद्रांश को जल्द से जल्द जारी करवाना चाहिए।
झामुमो नेता ने कहा कि भाजपा नेताओं को झूठ बोलने की आदत हो गई है इसलिए यह बेतुका आरोप लगा रहे हैं कि विधवा पेंशन की राशि को मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में लगाई गई है जबकि उसमें कोई सच्चाई नहीं है।
दत्ता ने कहा कि काश! मरांडी जी को यह बात आज से करीब 24 साल पहले समझ में आती कि वृद्धावस्था, विधवा व दिव्यांग पेंशन राज्य के गरीब जनता के लिए कितना जरूरी है तब तो हेमंत सोरेन को 19 सालों के बाद करने की नौबत ही नहीं आती। सत्ता में रहते मरांडी जी ने कभी भी राज्य की गरीब जनता के लिए कुछ भला नहीं किया, बल्कि राज्य में सरप्लस बजट पेश करते हुए वाहवाही लूटने का प्रयास किया। अब जब हेमंत सोरेन सरकार जनता से किए एक-एक वादे को पूरा करने लगी है तो इनके पेट में दर्द हो रहा है और मुद्दाविहीन लोग गलत बयानबाजी करते हुए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं।
झामुमो नेता पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के पूर्व के एक बयान को भी निशाना बनाते हुए कहा कि जब 2013-14 की हेमंत सोरेन सरकार में सर्वजन पेंशन योजना की बुनियाद रखी जा रही थी तो उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार खजाना खाली करने में लगी हुई है। इन बयानों से इनकी गरीब विरोधी मानसिकता झलकती है।