सिर से उठा माता-पिता का साया, अनाथ हो गई पटमदा के 2 साल की तुलसी, बड़ा सवाल : कैसे होगी परवरिश?
डालसा के पीएलवी ने दिलाया मदद का भरोसा
Patamda: करीब 6 माह पहले असाध्य बीमारी से पीड़ित मां की मौत और 4 दिनों पूर्व पिता की तालाब में डूबकर हुई मौत ने 2 साल की अबोध बच्ची तुलसी को बेसहारा बना दिया है। सिर से माता-पिता का साया उठने के बाद बुजुर्ग दादी ही सहारा बनीं है। अब बड़ा सवाल यह है कि तुलसी की परवरिश कैसे होगी? यह मामला है पटमदा प्रखंड के आदिवासी बहुल गांव सिसदा का है। आदिवासी भूमिज समुदाय से आने वाले बुद्धेश्वर सिंह की 13 अप्रैल को गांव के ही तालाब में डूबने से हो गई है। जबकि उनकी पत्नी पैदावाला सिंह (30 वर्ष) का निधन गंभीर बीमारी के कारण इलाज के दौरान ही हो गया था।
डेढ़ साल की मासूम तुलसी को पति और सास के भरोसे छोड़कर पैदावाला सिंह ने अंतिम सांस ली थी। युवा अवस्था में पत्नी के खोने के गम से बुद्धेश्वर सिंह (35 वर्ष) उदास रहने लगा था और तालाब में नहाने के दौरान उसके साथ हादसा हो गया। उनकी मां सबिता सिंह बताती हैं कि बुद्धेश्वर सुबह में नहाने के बाद सब्जी लेकर घर लौटने वाला था। इसलिए पहले खेत से सब्जी तोड़कर तालाब गया और मेढ़ पर सब्जी को रखकर जैसे ही नहाने के लिए उतरा गहरे पानी में समा गया। इस घटना के बाद परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया। जानकारी के अभाव में शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। जबकि पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार करने पर आपदा प्रबंधन विभाग से 4 लाख रुपए की मुआवजा राशि मिलती। 2 वर्षीय तुलसी के अनाथ होने और उसकी एकमात्र सहारा बनीं 70 वर्षीय दादी समझ नहीं पा रही हैं कि आखिर उसकी परवरिश कैसे होगी।
सूचना मिलने पर बुधवार को बोड़ाम प्रखंड के पीएलवी निताई चंद्र गोराई एवं पटमदा के पीएलवी नन्दा रजक पीड़िता के घर पहुंचे और इस परिवार को मदद करने का भरोसा दिलाया। निताई चंद्र गोराई ने बताया कि तुलसी के माता, पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र, तुलसी का आधार कार्ड बनवाने हेतु संपर्क किया गया है और आधार कार्ड बनाने के पश्चात तुलसी का बैंक खाता खोला जाएगा। समस्त कागजी प्रक्रिया पूरा करने के पश्चात तुलसी को प्रयोजन (स्पॉन्शरसिप) स्कीम से जोड़ा जाएगा तथा परिवारिक लाभ योजना का लाभ भी दिलाया जायेगा। पीएलवी ने लोगों से अनाथ बच्ची तुलसी की मदद करने की अपील की है।