झारखंड आंदोलन की जननी मंदाकिनी महतो का 89 की उम्र में निधन, कोल्हान में शोक की लहर
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मंदाकिनी महतो (फाइल फोटो)
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Jamshedpur: झारखंड अलग राज्य की मांग पर कोल्हान क्षेत्र में जमशेदपुर के जिस परिवार से आंदोलन को धार मिली, उस परिवार की महत्वपूर्ण सदस्य ने रविवार की रात करीब 2 बजे अंतिम सांस ली। हम बात कर रहे हैं झारखंड आंदोलन की जननी मंदाकिनी महतो की, उनके पुत्र झारखंड आंदोलनकारी सह समाजसेवी आस्तिक महतो हैं। उन्होंने बताया कि माताजी को देर रात अचानक बेचैनी महसूस होने पर टीएमएच ले जाने के दौरान उन्हें हार्ट अटैक हो गया। करीब 89 वर्ष की मंदाकिनी देवी अपने पीछे एक पुत्र व पुत्रवधु के अलावा पोते -परपोतों का भरा पूरा संसार छोड़ चल बसीं।
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उनके आकस्मिक निधन की खबर मिलते ही उनके सोनारी स्थित आवास पर अंतिम दर्शन हेतु शुभचिंतकों का तांता लगा रहा। गौरतलब हो कि कोल्हान में झारखंड आंदोलन का केंद्र बिंदु रहा मंदाकिनी देवी का आवास वीर शहीद निर्मल महतो, पूर्व सांसद शैलेन्द्र महतो, स्व सुनील महतो आदि के लिए 80- 90 के दशक में बड़ा सहारा था। इस संबंध में पूर्व पार्षद स्वपन कुमार महतो ने बताया कि सोमवार को साढ़े 11 से बजे बिष्टुपुर पार्वती घाट के लिए शवयात्रा निकाली जाएगी।